भूतों की वापसी को लेकर मऊ में बैठी पंचायत, वापसी के दौरान एक भूत निकल गया नकली

रतनपुरा क्षेत्र के दक्षिणांचल में प्रवाहित होने वाली टोंस नदी के किनारे दो पटटीदारों के बीच काफी दिनों से भूत प्रेत बाधा को लेकर चल रहे तनाव, वाद-विवाद के बीच मंगलवार को पंचायत शुरू हो गई। इस पंचायत में दोनों पटटीदारों अोर से विश्वसनीय ओझा और सोखा भी मौजूद थे। जैसे ही यह खबर और लोगों की लगी कि भूत को लेकर टोंस नदी के किनारे पंचायत बैठी है तो बड़ी संख्या में तमाशबीन भी उस पंचायत में पहुंच गए। काफी गर्म माहौल में पंचायत शुरू हुई तो दोनों ही पक्ष अपने- अपने भूत को लेकर मजबूत दावे पेश करने लगे। वहीं दोनों ही पक्षों ने एक-दूसरे पर भूत हांककर जान-माल के व्यापक नुकसान का आरोप लगाया। तभी दोनों पक्ष इस बात पर राजी हो गए कि अपना-अपना भूत दोनों ही पक्ष वापस ले लेंगे।

एक पक्ष के सोखा ने कुछ देर एक मंत्र का जाप कर अपने हाथ में रखी कोई चीज मुट्ठी में बंद कर दूसरे पक्ष को दिया और कहा कि यह भूत अपना ले लो। मगर तभी दूसरे पक्ष ने भूत के अस्तित्व पर ही सवाल उठाते हुए कहा यह भूत तो नकली है। इसी बात को ले कर भूतों की पंचायत पर पुनः वाद विवाद शुरू हो गया और देखते ही देखते यह विवाद आपसी तू-तू मैं-मैं के साथ ही एक दूसरे को देख लेने की धमकी में तब्दील हो गया। तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए किसी ने मोबाइल से 100 नंबर पुलिस को सूचित कर दिया।

सूचना पाते ही पुलिस पहुंच गई। भूत भागे कि नहीं मगर लोग जरूर पुलिस को देखकर चंपत हो गए। पुलिस की गाड़ी की आवाज सुनते ही दोनों पक्ष के दर्जनों की संख्या में आए ओझा-सोखा मौके से भाग गए। तमाशबीनों की भीड़ भी धीरे-धीरे हटने लगी जो पुलिस ने दोनों पटटीदारों को आपनी गाड़ी में बैठा लिया और ले आकर थाने के हवालात में भर दिया। क्षेत्र में लगी भूतों की यह पंचायत जहां चर्चा के केंद्र में रही वहीं दूसरी ओर भूतों को लेकर गांव में दूसरे दिन भी सरगर्मी बनी रही कि आखिर असली वाला भूत कहां गया।

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