पूर्व सीएम हरीश रावत के विधायकों के कथित खरीद-फरोख्‍त के स्टिंग मामले में सुनवाई अब एक अक्‍टूबर को

 विधायकों के कथित खरीद-फरोख्त से संबंधित स्टिंग मामले में शुक्रवार को नैनीताल हाई कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। सुनवाई के लिए हरीश रावत के अधिवक्‍ताओं ने अतिरिक्‍त समय मांगा। मामले में अब अगली सुनवाई एक अक्‍टूबर को होगी। सुनवाई से पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नैनीताल पहुंच गए थे। उन्होंने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा जताया है।

दरअसल 2017 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ पार्टी के विधायकों ने ही बगावत कर दी थी। इसी बीच राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया तो मामला नैनीताल हाईकोर्ट, फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाई कोर्ट के केंद्र सरकार के धारा-356 के उपयोग को असंवैधानिक करार देते हुए रावत सरकार को बहाल कर दिया था। इसी बीच एक न्यूज चैनल संचालक द्वारा दिल्ली में स्टिंग जारी किया गया।

राज्यपाल की संस्तुति के बाद केंद्र ने मामला सीबीआइ को सौंप दिया। जिसके बाद रावत सरकार ने कैबिनेट बैठक कर मामला सीबीआइ से हटाकर एसआइटी को सौंप दिया तो कांग्रेस के बागी नेता अब वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने इसे याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने कहा कि जब एक बार राज्य सरकार ने  सीबीआइ जांच की संस्तुति कर दी तो उसे वापस नहीं लिया जा सकता। पिछले दिनों स्टिंग मामले की प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआइ द्वारा हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की गई। सीबीआइ ने कहा था कि वह रावत के खिलाफ मामला दर्ज करने जा रही है। शुक्रवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। जिसके बाद सुनवाई के लिए अगली तिथि एक अक्‍टूबर मिल गई है।

Related Articles

Back to top button