ट्रांजेक्शन फेल होने पर बैंक तय समय में लौटाएंगे पैसा, देरी होने पर देना होगा मुआवजा
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को ग्राहकों की फेल्ड ट्रांजेक्शन की शिकयतों को ध्यान में रखते हुए टर्न अराउंड टाइम (TAT) एक निश्चित समयावधि तय की है। इसके तहत अगर किसी ग्राहक का ट्रांजेक्शन फेल्ड हो जाता है तो बैंक एक निश्चित समयावधि के अंदर उसका सेटलमेंट करेंगे और अगर ऐसा नहीं होता है तो बैंक ग्राहकों को मुआवजा देंगे।
आरबीआई ने कहा कि बैंकों को ग्राहकों की शिकायत या मुआवजे के दावे का इंतजार किए बिना मुआवजा देना चाहिए। केंद्रीय बैंक ने ग्राहकों की शिकायतों के समाधान के लिए पहली बार अप्रैल में टीएटी को लेकर घोषणा की थी। बैंक ने देखा था कि ग्राहकों की शिकायतों के बाद भी इसमें ज्यादा समय लग रहा है।
आरबीआई ने लेनदेन को आठ अलग-अलग वर्गों में बांटा है जिसमें नए दिशानिर्देश लागू होंगे, इनमें एटीएम से लेनदेन, कार्ड लेनदेन, तत्काल भुगतान प्रणाली, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस और प्रीपेड कार्ड शामिल हैं।
ट्रांजेक्शन के बाद से 5 दिन में खाते में पैसा वापस लौटाना होगा। रकम वापसी में बैंक द्वारा तय मियाद से ज्यादा वक्त लगाया गया तो ग्राहक को 100 रुपए रोजाना हर्जाना मिलेगा। आरबीआई ने इस बाबत बैंकों को निर्देश जारी किया है। शीर्ष बैंक का कहना है कि इस कदम से ग्राहकों के विश्वास को बढ़ाने और फेल्ड लेनदेन में एकरूपता लाने में मदद मिलेगी। जिन ग्राहकों को TAT के तहत शिकायत का समाधान नहीं होता है वे बैंकिंग लोकपाल को शिकायत दर्ज करा सकते हैं।