मूसलादार बारिश से भीगा लखनऊ, घरों में दुबके रहे लोग
लखनऊ में रविवार सुबह से ही बादल छाये रहे, वहीं 11 बजे के बाद मूसलाधार बारिश होना शुरू हो गई। बारिश ने राजधानी वासियों को भीगो दिया। रविवार होने की वजह से लोग घर में ही दुबके रहे। वहीं मौसम वैज्ञानिकों ने अगले कई दिनों तक बारिश होने की संभावना जताई है। तापमान भी सामान्य से कम हो सकता है। उत्तर प्रदेश में प्रमुख नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के बीच बाढ़ का कहर जारी है। वहीं, बारिश के दौरान शनिवार को प्रदेश में वज्रपात से पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि नौ लोग झुलस गए। सैकड़ों गांवों में पानी घुस गया है।
लखनऊ में तीन दिनों से 24 से 33 डिग्री पारे के बीच है। वहीं रविवार की सुबह भी बारिश के साथ हुई। छुट्टी का दिन होने की वजह से सभी घरों के अंदर ही रहे। वहीं तेज बारिश की वजह से सड़कों पर भी सन्नाटा रहा। कई इलाकों में पानी भी भर गया जिसकी वजह से लोगों को आने जाने में दिक्कत हुई। अवध क्षेत्र में सरयू और घाघरा नदियां उफान पर हैं। एल्गिन ब्रिज पर नदी खतरे के निशान से 21 सेमी ऊपर बह रही है। 26 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। ऐसे में लोगों को आशियाना छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा है।
बहराइच में शुक्रवार देर शाम सरयू नदी का जलस्तर बढऩे से महसी के गरेठी गुरुदत्त सिंह, बहदुरिया, धनावा, चुरईपुरवा समेत छह गांव व शिवपुर ब्लॉक के तकरीबन 20 गांवों में पानी भरने लगा। गोंडा में तरबगंज तहसील क्षेत्र के 15 मजरे बाढ़ की चपेट में आ गए हैं तो अयोध्या में चार गांव के लगभग 300 परिवार घाघरा के पानी से घिर गए हैं, जबकि आंबेडकर नगर में घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। इससे अतिरिक्त बाराबंकी में घाघरा के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है। सीतापुर में घाघरा का तटबंध कटने की वजह से क्षेत्र के 35 गांवों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बलरामपुर में राप्ती नदी के जलस्तर में कमी आई है। अब कटान का डर सताने लगा है। श्रावस्ती में भी राप्ती बैराज पर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है।