उपभोक्ताओं को जोर का झटका लगा रहा बिजली का बिल, वजह जानिए

बिजली का बिल देख कर उपभोक्ताओं का दिल बैठ रहा है। उपभोक्ता हैरान हैं कि घर में बल्ब, टीवी, पंखे, मोटर, फ्रिज सब वही हैं, मगर पहले बिल कम आता था तो अचानक बिल ने इतनी छलांग कैसे लगा दी। वो भी तब जब एलईडी बल्ब, टीवी, फ्रिज आदि पावर सेविंग के स्टार रेटिंग वाले उपकरण खरीदे गए हैं। ऐसे में बढ़े हुए बिल को कम कराने के लिए उपभोक्ता ऊर्जा निगम के चक्कर काट रहे हैं।

दून में ऊर्जा निगम के तकरीबन साढ़े चार लाख घरेलू उपभोक्ता हैं। आम उपभोक्ता के घर में एलईडी टीवी, बल्ब, फ्रिज, पंखा, कूलर, मिक्सी, एसी, मोबाइल चार्जर, इन्वर्टर, पानी की मोटर आदि उपकरण होते हैं। इनका बिल आमतौर पर डेढ़ से दो हजार रुपये आता है। वहीं, पिछले एक-दो महीनों से बिजली का बिल देख कर उपभोक्ताओं को जोर का झटका लग रहा है। यह बिल दो-तीन गुना तक बढ़ गया है। अचानक से बढ़ा बिल देखकर उपभोक्ता हैरान और परेशान हैं।

बिजली वितरण डिविजन सेंट्रल, दक्षिण, उत्तर, रायपुर समेत अन्य में बिल बढ़कर आने की औसतन हर रोज 10-15 शिकायतें पहुंच रही हैं। एक-एक डिविजन में अवर से अधिशासी अभियंता तक को विभिन्न मामलों की औसतन 250-300 शिकायतें मिल रही हैं। अचानक इतनी शिकायतों से बिजली अधिकारी भी असमंजस की स्थिति में आ गए हैं। आइए आपको बताते हैं बिजली के बढ़े बिल की किस तरह की शिकायतें आ रही हैं।

आठ महीने से आ रहा है बढ़ा बिल

गिरीश मोहन निवासी ऋषि विहार, मेहूंवाला का बिल आठ महीने से बढ़ कर आ रहा है। उन्होंने बढ़े हुए बिल की शिकायत मोहनपुर बिजली डिविजन में की है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

विधायक चैंपियन का भी बढ़ा बिल

खानपुर विधायक प्रणव सिंह चैंपियन का मोहिनी रोड पर आवास है। उनका बिल आमतौर पर 10-12 हजार आता है जो बढ़कर 18-20 हजार हो गया है। इसको लेकर उन्होंने भी सेंट्रल डिविजन में शिकायत दर्ज कराई है।

अचानक बिल में बढ़ गए हजार रुपये

जीएमएस रोड निवासी संजय मिश्रा का बिल भी बढ़ा हुआ आ रहा है। आम तौर पर उनके यहां 800-900 रुपये बिल आता था, अब 1500 से 1800 पहुंच गया है। उन्होंने भी एसडीओ से शिकायत दर्ज कराई है।

भेज दिया 15 हजार का बिल

विशाल भटनागर निवासी टर्नर रोड ने विद्युत वितरण खंड दक्षिण में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि घर में एसी नहीं है तब भी 15 हजार रुपये का बिल देखकर दंग रह गए।

कमर्शियल में भी बढ़ा हुआ बिल

सुरेंद्र कुमार अग्रवाल का कान्वेंट रोड पर डायगनोस्टिक सेंटर है। उन्होंने बताया कि पूर्व में 17-18 हजार रुपये बिल आता था। पिछले कुछ महीनों से 50-60 हजार रुपये आ रहा है। उन्होंने एक कर्मी पर रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया है।

दून में रोज लग रहे सात-आठ चेक मीटर

दून में रोजाना सात-आठ चेक मीटर चल रहे हैं। नगरीय टेस्ट डिविजन के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में चेक मीटर लगाने के आंकड़े में बढ़ोत्तरी हुई है। उपभोक्ताओं की मांग पर एक माह में 250-300 चेक मीटर लगाए जा रहे हैं। इनमें भी घरेलू उपभोक्ता की ज्यादा मांग है। अधिशासी अभियंता डीबी सिंह ने बताया कि बिजली का बढ़े हुए बिल की वजह से चेक मीटर लगवाने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है।

बीपीएल के लिए है महज 18 रुपये फिक्स्ड चार्ज

बीपीएल उपभोक्ता और कुटीर ज्योति योजना के अंतर्गत एक किलो वाट के कनेक्शन पर 60 यूनिट बिजली की खपत होने पर 18 रुपये प्रति माह शुल्क और 1.61 रुपये प्रति यूनिट का बिल वसूल किया जाता है।

बिजली बिल बढ़े होने की ये हो सकती हैं वजह

-बिजली मीटर का तेज चलना।

-बिल बनाने के दौरान जानबूझ कर बिजली यूनिट की सही संख्या दर्ज नहीं करना।

-बिल में पुराने बिल की रकम जुड़ने से भी होती है परेशानी।

-मीटर में हरे रंग की लाइट होती है, धूप पडऩे पर इसकी रोशनी में यूनिट सही से नहीं दिखाई देती है ऐसे में गलत यूनिट दर्ज होने से भी बढ़ जाता है बिल।

-घरेलू उपकरण में खराबी होने पर तेजी से बिजली खींचना।

बिल बढ़ा आने पर ये करें उपाय

-घर के सभी विद्युत उपकरण बंद करने के बाद भी मीटर चल रहा है तो मीटर में गड़बड़ी है।

-बिजली विभाग में 95 रुपये शुल्क जमा कर चेक मीटर भी लगवा सकते हैं।

-यदि विभाग की तरफ से बिल गलत है तो विद्युत नियामक आयोग में दर्ज कर सकते हैं शिकायत।

ऐसे करें बिल का आकलन

बिल आने पर उसमें अंकित अवधि की दिनांक को नोट करें। इसके बाद स्वयं अपने मीटर की रीडिंग को भी नोट कर लें। अगली बार बिल आने पर मीटर की रीडिंग और बिल में दर्शायी गई रीडिंग का मिलान करें। इससे काफी हद तक तस्वीर साफ हो जाएगी। साथ ही उपभोग की गई यूनिट का भी हिसाब लगाएं और दर व फिक्स्ड चार्ज के अनुसार भी अपने बिल का आकलन करें। कोई गड़बड़ी मिलने पर ऊर्जा निगम से शिकायत करें। सुनवाई न होने पर विद्युत नियामक आयोग से शिकायत करें।

फोटो खींच कर करना होता है अपलोड 

बिल बांटने की कार्यदायी संस्था टीडीएस कंसलटेन्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के हेड यतींद्र सागर के मुताबिक, पहले सही रीडिंग पर बिल नहीं बनता था। अब मीटर में आने वाली रीडिंग पर बिल बनाया जा रहा है इसलिए बढ़ा हुआ बिल आ रहा है। हमारा मीटर रीडर मीटर में दिख रही यूनिट के हिसाब से बिल बनाता है। यूनिट सही दर्ज की जाए इसलिए मीटर का फोटो खींच कर ऑनलाइन अपलोड भी करना होता है।

शिकायत के तो लगवा सकते हैं चेक मीटर 

ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा के अनुसार, अगर उपभोक्ता बिजली उपभोग कर रहा है तो बिल आएगा ही। यदि किसी को बिल बढ़े होने की शिकायत है तो चेक मीटर लगवा सकता है। बिल की जांच करवा सकता है। यूपीसीएल इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि उपभोग की यूनिट का ही बिल दिया जाए।

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