महाश्मशान के सामने स्थापित होगी कोयंबटूर से ऊंची आदियोगी की प्रतिमा, सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने देखी साइट
बाबा दरबार से गंगा तट तक बनाए जा रहे विश्वनाथ धाम कारिडोर के सामने उस पार रेती में आदियोगी भगवान शिव की विशाल प्रतिमा लगाई जाएगी। यह महाश्मशान मणिकर्णिका के ठीक सामने होगी। कोयम्बटूर में आदियोगी की 112 फीट की प्रतिमा स्थापित कर चुका ईशा फाउंडेशन ही इसे वाराणसी में स्थापित करेगा। इसके लिए जमीन की व्यवस्था श्रीकाशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद करेगा। फाउंडेशन के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव ने सोमवार को इसके लिए इस पार से ही साइट भी देख लिया। काशी में शिष्यों संग सेक्रेड वाक पर आए सद्गुरु ने कारिडोर भ्रमण के दौरान श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर व विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद के सीईओ विशाल सिंह इस संंबंध में चर्चा की।
माना जा रहा है सद्गुरु जग्गी वासुदेव की काशी यात्रा के केंद्र में भी यह प्रतिमा ही रही है। वास्तव में ईशा फाउंडेशन की ओर से इस संबंध में डेढ़ साल पहले ही प्रयास शुरू कर दिए गए थे। बनारस दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इसके लिए फाउंडेशन के प्रतिनिधि ने मुलाकात भी की थी। लगभग सौ करोड़ रुपये की लागत से प्रतिमा लगाने के लिए 20 एकड़ जमीन की जरूरत भी बताई थी। मुख्यमंत्री की ओर से सहमति मिलने के साथ ही तत्कालीन नगर आयुक्त को जमीन तलाशने के निर्देश तो दिए ही गए थे, इसके लिए अधिकारियों की टीम भी गठित कर दी गई थी। माना जा रहा है तकनीकी दिक्कतों को देखते हुए प्रस्ताव फाइलों में दबा रहा लेकिन अब इसे मूर्त रूप देने के प्रयास तेजी पकड़ेंगे। इससे बनारस में पर्यटन विस्तार को लेकर भी एक नया स्थल विकसित होगा जिसमें एक ओर बाबा दरबार, कारिडोर, महाश्मशान तो दूसरी और आदियोगी विराजमान होंगे।
सद्गुरु ने शिष्यों में किया काशी की ऊर्जा का संचार
ख्यात आध्यात्मिक योग गुरु जग्गी वासुदेव ने सोमवार को देश-विदेश से जुटे एक हजार शिष्यों को सत्य से साक्षात्कार कराने का जतन किया। सुबह दस से पांच बजे तक होटल ताज में सद्गुरु ने योग साधना कराई। काशी की महत्ता बताई और गूढ़ रहस्यों से भी परिचित कराया। शिष्य साधकों में शामिल फिल्म अभिनेत्री जूही चावला व कंगना रनौत समेत हस्तियां इस पर झूमती रहीं। वहीं देश विदेश से आए लगभग एक हजार उनके अनुयायियों ने भी श्रद्धा और आस्था में डूब कर आदियोगी भगवान शिव की नगरी में दर्शन पूजन किया।
ईशा सेक्रेड वाक पर शिष्यों संग निकले ईशा फाउंडेशन के संस्थापक जग्गी वासुदेव रविवार रात ही बनारस आ गए। गंगा किनारे बृज रमा पैलेस में रात्रि विश्राम किया। सुबह के साथ वाक के आठवें संस्करण लाइटिंग विद लाइट का श्रीगणेश किया। शिष्यों संग गंगा का नजारा लिया और छावनी स्थित पांच सितारा होटल में सत्संग किया। उन्होंने चामुंडी हिल्स पर साधना पर जाने के दिन को स्मरण करते हुए कहा 37 साल बाद भी वह अद्भुत दिन तन-मन में आबाद है। काशी हमेशा मुक्तिका प्रतीक रही है। उन्होंने ज्ञान- ध्यान, प्रवचन के जरिए देवाधिदेव महादेव की नगरी के महात्म्य से अवगत कराया।
ज्ञान, ऊर्जा और प्रकाश को जीवन में उतार लेने का आह्वान किया। योग सत्र में आस्था और विज्ञान का अद्भुत समन्वय भी दिखा। इस दौरान कभी चेहरों पर सुलभ मुस्कान और कभी आंखों से अश्रुधार के प्रवाह ने हर एक में नई ऊर्जा के संचार का अहसास कराया। ईशा फाउंडेशन कैलाश मानसरोवर, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गुप्त काशी, ऋषिकेश, उत्तर काशी, गुप्त काशी समेत दक्षिण भारत के प्राचीन देवालयों तक भी सेक्रेड वाक आयोजन कर चुका है।
बाबा का दर्शन और गंगा की आरती : ज्ञान प्रकाश की नगरी काशी में सद्गुरु ने शिष्यों को गंगा आरती की झांकी दिखाई। बाढ़ के कारण इसका पांच सितारा होटल में ही प्रबंध किया गया। शाम के साथ बाबा दरबार पहुंचे और श्रीकाशी विश्वनाथ का दर्शन-पूजन के साथ ही सप्तर्षि आरती की झांकी देख सभी विभोर हुए। वहीं इस दौरान देश विदेश से आए आस्थावानों ने भी बाबा की नगरी में दर्शन पूजन के साथ धर्म आध्यात्म और योग कर मन की शांति का मार्ग भी तलाशा।
देखा कारिडोर, महाश्मशान को प्रणाम : जग्गी वासुदेव ने शिष्यों संग विश्वनाथ धाम कारिडोर देखा। भवनों के ध्वस्तीकरण में सामने आए मंदिरों के बारे में सीईओ विशाल सिंह से जानकारी ली और मत्था टेका। महाश्मशान मणिकर्णिका को हाथ जोड़ प्रणाम किया और काशी करवट मंदिर में भी दर्शन पूजन किया। जग्गी वासुदेव मंगलवार को अन्य कई देवालयों का दर्शन पूजन कर शाम को काशी से प्रस्थान करेंगे।
जूही समेत शिष्यों ने देवालयों में झुकाया शीश : ईशा फाउंडेशन के आध्यात्मिक आयोजन में आए शिष्यों ने सारनाथ में योग साधना की तो अन्य देवालयों में भी शीश नवाया। फिल्म अभिनेत्री जूही चावला ने गलियों में स्थित संकठा मंदिर व शीतला मंदिर में दर्शन पूजन किया।