टैक्स रिटर्न के लिए नेमलेस और फेसलेस यानी नाम और चेहरा विहीन ऑनलाइन असेसमेंट सुविधा शुरू करने की घोषणा

सरकार आयकर विभाग की ऑनलाइन ई-असेसमेंट की सुविधा अगले महीने से शुरू कर रही है। इस बीच, सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी करदाता के पास पैन या फिर ई-फाइलिंग अकाउंट नहीं होगा, तो वह इस नई प्रणाली का लाभ उठाने का पात्र नहीं होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के ताजा निर्देश में यह जानकारी दी गई है।

सरकार ने आठ अक्टूबर से टैक्स रिटर्न के लिए नेमलेस और फेसलेस यानी नाम और चेहरा विहीन ऑनलाइन असेसमेंट सुविधा शुरू करने की घोषणा की है। सीबीडीटी ने कहा है कि ऐसे मामले जहां कर अधिकारी ने छापा मारा है और जिन मामलों को ‘असाधारण परिस्थिति’ वाला बताया गया है, उन मामलों को भी इस नए फेसलेस असेसमेंट प्रणाली में शामिल नहीं किया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों का था कि आयकर रिटर्न के असेसमेंट को दबाव रहित और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए आयकर विभाग नई प्रणाली शुरू करेगा। कंप्यूटर प्रणाली के जरिये करदाता और आयकर अधिकारी का परिचय हुए बिना असेसमेंट आगे बढ़ाने वाली इस प्रणाली को ई-असेसमेंट का नाम दिया गया है। इसमें पूरी जांच-परख कंप्यूटर प्रणाली पर ऑनलाइन ही होगी। किसी को भी आयकर अधिकारी के चक्कर नहीं लगाने होंगे।

सीबीडीटी ने स्पष्ट की स्थिति : सीबीडीटी ने नई प्रणाली से जिन लोगों को अलग रखा है, उनके बारे में शुक्रवार को एक सकरुलर जारी किया। इसमें कहा गया है कि जहां इनकम टैक्स रिटर्न को दस्तावेज के रूप में दाखिल किया गया है और संबंधित करदाता का ई-फाइलिंग अकाउंट और पैन नहीं है, जहां प्रशासनिक मुश्किलें हैं या फिर उसमें कुछ असाधारण परिस्थितियां हैं, ऐसे सभी मामलों को नई प्रणाली से अलग रखा जाएगा।

छापे वाले असेसमेंट भी बाहर

सर्कुलर में कहा गया है कि जांच अथवा छापे वाले कर असेसमेंट मामलों के अलावा पहले हुई जांच की वजह से अलग रखे गए मामलों को भी नई प्रणाली से अलग रखा जाएगा। सरकार ने आयकर रिटर्न के ई-असेसमेंट के लिए एक राष्ट्रीय केंद्र हाल ही में दिल्ली में स्थापित किया है। करदाताओं को उनके रिटर्न की जांच परख अथवा ऑनलाइन असेसमेंट की नई प्रणाली का ही यह हिस्सा है।

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