कुष्ठ जागरुकता के लिए मैराथन का आयोजन, कई विभागों ने निकाली रैली

  • इस समय जिले में कुल 228 कुष्ठ रोगी, विगत माह में नये रोगी 39 मिले
  • कुष्ठ रोगियों का मुफ्त इलाज, ढाई हजार पेंशन भी दी जाती है

बाराबंकी । राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर मिनी मैराथन का आयोजन किया गया। कलेक्ट्रेट परिसर से जिलाधिकारी डा. आदर्श सिंह ने हरी झंडी दिखाकर मिनी मैराथन को रवाना किया। रैली में एनसीसी कैडेट और चिकित्सा विभाग के अधिकारी, कर्मचारी शामिल रहे।

इस दौरान सीएमओ डा रमेश चंद्र ने मैराथन में प्रथम द्रितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले धावकों को पुरस्कृत किया। इसके साथ ही कुष्ठ विभाग के कर्मचारियों द्वारा बापू की जंयती पर यह संकल्प हमारा है बाराबंकी जनपद को कुष्ठ रोग से मुक्त कराना है, कुष्ठ को इस दौरान विशेष संचारी रोग अभियान के तहत शहर में जन जागरूकता रैली निकाली गई, मैराथन लखपेड़ा बाग से होते हुए जिला अस्पताल पहुंची। रैली में शामिल कैडेट व स्वास्थ्य कर्मी कुष्ठ उन्मूलन संबंधी नारे लगा रहे थे जन- जन के सहयोग से, कुष्ठ मिटेगा देश से। सुन्न दाग धब्बों का ज्ञान, कुष्ठ रोग की है पहचान। रैली के बाद सीएमओ कार्यलय प्रांगण में गोष्ठी का आयोजन भी किया गया।

गोष्ठी का शुभारंभ सीएमओ डा.रमेश चंद्र ने अपने संबोधन में कहा कि जो रोगी नियमित कुष्ठ की दवा लेगा, वह कुष्ठ मुक्त हो जाएगा। कुष्ठ का इलाज मुफ्त है। दवा खाने में लापरवाही न बरते। जिला कुष्ठ अधिकारी डा. देश दीपक पाल ने बताया कि बाराबंकी जिले में इस समय जिले में चिन्हित कुल 228 कुष्ठ रोगी है। जिनका नियमित उपचार चल रहा है। कुष्ठ रोग के कारण जिन रोगियों को दिव्यांगता आ जाती है, उन्हें शासन की ओर से ढाई हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। उन्होंने बताया अभियान चालाकर कुष्ठ रोगी खोजे रहे है

सितंबर माह में जिले के 15 ब्लाकों में कुष्ठ जागरुकता अभियान चलाया गया। इसमें 39 नए कुष्ठ रोगी मिले है। जिनका उपचार शुरु कर दिया गया है। कुष्ठ रोगियों का सही तरह का उपचार होता है। इसमें मल्टी ड्रग थेरेपी में छह माह और एक साल का इलाज होता है।

जिन मरीजों को कुष्ठ से विकलांगता आ जाती है। उन्होंने बताया जनपद के समस्त प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुष्ठ रोग की निशुल्क इलाज मिलती है, उनका मिशन हास्पिटल नैनी (प्रयागराज) में निशुल्क सर्जरी कराई जाती है। उन्हें आने आनेकी सुविधाएं मुहैया मुफ्त कराई जाती है। इसके अलावा आरसीएस (रीकं सटेंट सर्जरी) आपरेशन के बाद आठ हजार रुपये दिए जाते है।

 

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