दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में तोड़फोड़ के विरोध में मेडिकल स्टाफ ने ओपीडी बन्द कर किया प्रदर्शन
दीन दयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में मंगलवार को अस्पताल में हुए तोड़फोड़ और अभद्रता के विरोध में चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ ने बुधवार को ओपीडी बन्द कर दी। वहीं आक्रोशित मेडिकल स्टाफ ने इस दौरान प्रदर्शन कर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई व मेडिकल स्टाफ के सुरक्षा की मांग की। दरअसल दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में मंगलवार की रात कैंसर पीडि़त मरीज की मौत पर परिवारीजन भड़क उठे। मरीज को समय से आक्सीजन न लगाने का आरोप लगाया और वार्ड में जमकर तोडफ़ोड़ की। इससे सहमी ड्यूटीरत नर्सों ने बाथरूम में छिप कर खुद को बचाया। इस दौरान दौरान नर्स हेमलता का हाथ-पैर शीशे से जख्मी हो गया।
वर्ष 2012 से कैंसर पीडि़त चंदौली की मरीज को मंगलवार की सुबह मेडिकल वार्ड में भर्ती कराया गया था। डाक्टरों के अनुसार उनकी गंभीर हालत को देखते हुए रेफर करने को कहा गया लेकिन परिजनों ने कहीं और ले जाने से इन्कार कर दिया। रात आठ बजे महिला की मौत के बाद परिवारीजनों ने दोस्तों के साथ अस्पताल में तोडफ़ोड़ शुरू कर दी। इसमें महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्र संघ का चुनाव लड़ चुका महिला का पुत्र भी शामिल था।
नर्स के अनुसार मरीज की पल्स व आक्सीजन लेवल चेक किया जा रहा था तभी कुछ लड़के वहां आए और तोडफ़ोड़ शुरू कर दी। वहीं परिवारीजनों का आरोप था कि अस्पताल द्वारा आक्सीजन नहीं दिए जाने के कारण मरीज की मौत हुई है। वहीं सीएमएस डा. वी शुक्ला के अनुसार मरीज का कैंसर गंभीर स्थिति में था। भर्ती करने के समय ही स्थिति से अवगत कराते हुए अन्यत्र ले जाने के लिए कहा गया गया था। परिवारीजनों ने अन्यत्र कहीं ले जाने से इन्कार कर दिया था। अस्पताल में आक्सीजन की कोई कमी नहीं है। वहीं देर रात हमलावरों के खिलाफ कैंट थाने में तहरीर दे दी गई।