दौलतमंदों ने दबाई दो हजार की गड्डियां, दूसरे बैंकों ने भी बाजार से नोटों की वापसी की रफ्तार धीमी होने की बात स्वीकारी
त्योहारी बाजार में जब उछाल लाने को सरकार बूस्टर डोज दे रही दौलतमंदों ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है। दो हजार की गड्डियां अचानक बाजार से गायब होने लगी हैं। हालात इस कदर बिगडऩे लगी कि एटीएम सिर्फ 500, 200 एवं 100 रुपए के नोट ही उगल पा रहे हैं। अर्थव्यवस्था को इससे झटका लग रहा तो आम जनता को भी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। हालांकि एसबीआई को छोड़ एटीएम में दो हजार के नोट नहीं रखे जाने की बात दूसरे बैंक सीधे तौर से स्वीकार नहीं कर रहे, लेकिन बाजार से करेंसी वपास न लौटने की बात करूर कहते है।
दो हजार के नोट डंप किए जाने की आशंका
एक आकड़ें मुताबिक बाज़ार में 18037 अरब रुपए प्रचलन में है। इसका 37.05 प्रतिशत रुपए दो हजार के नोट बाज़ार में है। सरकार ने नोट बंदी के बाद बाज़ार की जरूरतें पूरी करने एवं हालत को पटरी पर लाने के लिए ही 2000 का नोट बाज़ार में उतारा था। इसके बाद बाजार ने रफ्तार पकडऩी शुरू भी कर दी थी। बाजार को उपचार का बूस्टर डोज तो मिला लेकिन कुछ लोगों ने रुपए डंप करने शुरू कर दिए। हालांकि इसकी आशंका, सुगबुगाहट तो बहुत पहले से आने लगी थी लेकिन उसकी धुंधली ही सही तस्वीर सामने आने लगी है।
बड़ी करेंसी का फ्लो घटने से धीमी पड़ रही बाज़ार की रफ्तार
त्योहारी बाजार में लोग छोटी से लेकर बड़ी खरीदारी कर रहे हैं। ऐसे में बड़े नोट का जरुरत लाजमी है। दो हजार के नोट की किल्लत से दुकानदार, ग्राहक दोनों को दिक्कत हो रही है। हालांकि, दुश्वारी हद से अभी नहीं गुजर रही, इसलिए हाय – तौबा मचने की स्थिति नहीं है। गौर नहीं फऱमाया गया तो बाजार की सेहत जरूर खराब होने लगेगी।
एसबीआइ ने बदली रणनीति
भारतीय स्टेट बैंक ने ने हालात कों भाप उपभोक्ताओं के लिए रणनीति में ही बदलाव कर दिया है। इनके एटीएम सिर्फ 500, 200 एवं 100 रुपए के नोट ही उगल रहे हैं। बैंक के अधिकारी इसे दो टूक शब्दों में स्वीकार भी रहे। कहते हैं कि जब करेंसी भार से वापस नहीं हो रही, ऊपर से मिलना बंद हो गया तो आखिर बैंक क्या करे? ग्राहक क्यों सफर करे?
डिजिटल बैंकिंग से आसान करें मुश्किल
बीमारी का सटीक इलाज तो सरकार ही कर पाएगी। हैं बाज़ार की जरूरतें डिजिटल बैंकिंग से जरूर पूरी की जा सकती हैं। बड़ी खरीदारी के लिए छोटी करेंसी लेकर बाज़ार जाना वाकई कई समस्या को जन्म देती है।
बैंक | संख्या |
एसबीआइ | 125 |
यूबीआइ | 100 |
सेंट्रल बैंक | 022 |
कार्पोरेशन बैंक | 10 |
काशी संयुत ग्रामीण बैंक | 12 |
बॉब | 58 |
बोले बैंकर : दो हजार के रुपए एटीएम से नहीं निकल रहे इसके बारे सटीक कुछ नहीं कह सकता। यह सच है, कि 2000 की नई करेंसी बाज़ार में नहीं आ रही। एटीएम में साफ सुथरे नोट ही डाले जाते हैं। बाज़ार में दौड़ लगा रहे नोट ही बैंक के पास विकल्प हैं, ऐसे में परेशानी से इंकार नहीं किया जा सकता है। उनके सामने ऐसी समस्या अभी नहीं आ सकी है। – आरबीएल श्रीवास्तव, क्षेत्रीय प्रमुख सेंट्रल बैंक
बोले बैंकर : एटीएम से सभी तरह के रुपए निकल रहे हैं। दो हजार के रुपए के किल्लत के बारे में कोई सूचना नहीं हैं। मुगलसराय में उनके एटीएम को रोजाना 750 से 800 हिट मिल रहे हैं। दो हजार रुपए की करेंसी ऊपर से जरूर नहीं आ रही है। -प्रतीक अग्निहोत्री, क्षेत्रीय प्रमुख बैंक ऑफ बड़ौदा
बोले बैंकर : दो हजार के नए नोट ऊपर से नहीं आ रहे हैं। इसका असर एटीएम पर पड़ सकता है। लेकिन अभी इस तरह की कोई परेशानी अभी सामने नहीं आई है। यूबीआइ के सभी एटीएम से दो हजार के नोट मिल रहे हैं।-
व्यापारियों की बात : दो हजार के नोट बाज़ार में नहीं आ रहे हैं। ग्राहक कपड़े खरीदने के बाद 500 एवं 200 के नोट ही दे रहा है। गिनती के दो हजार के नोट देखने को मिल रहे हैं। कारोबार में भी इसका असर है। -विनय गुप्ता, रेडीमेड कपड़ा कारोबारी
व्यापारियों की बात : दो हजार के नोट ग्राहक नहीं दे रहे हैं। पहले लोग भजाने भी आए थे, जिनकी संख्या में कमी आई है। मजबूरी में छोटे नोट लेने पड़ रहे हैं। नोटबंदी के बाद भी ऐसी मुश्किल आई थी। -अजय गुप्ता, फर्नीचर कारोबारी
व्यापारियों की बात : 500 एवं 200 के नोट ज्यादा ग्राहक लेकर बाज़ार में पहुंच रहे हैं। इसकी मूल वजह क्या है, इसके बारे में कह नहीं सकता। व्यापार में दो हजार के नोट की भी जरूरत पड़ती है। सरकार को ध्यान देना चाहिए। -घनश्याम जैन, बर्तन व्यापारी
व्यापारियों की बात : फुटकर बाज़ार में दिक्कत नहीं है। लेकिन कारोबार में छोटी – बड़ी सभी करेंसियां की जरूरत पड़ती है। दो हजार के नोट न मिलने से परेंशानी जरूर है। सरकार को समय रहते कदम उठाना चाहिए।