NRC पर AAP का क्या है रुख, दिल्ली प्रभारी संजय सिंह ने दिया बड़ा बयान

 दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 (Delhi Assembly election 2020) को लेकर दिल्ली में सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। सभी दल चुनाव को लेकर तानाबाना बुन रहे हैं। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी भी आगामी चुनाव को लेकर जोरशोर से लगी हुई है। आम आदमी पार्टी ने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी नियुक्त किया है। चुनाव को लेकर आप की क्या रणनीति है इस पर उनसे वी. के. शुक्ला ने बात की। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश।

सवालः दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए आम आदमी पार्टी की ओर किस तरह की रूपरेखा बना रहे हैं?

जवाबः दिल्ली विधानसभा का यह चुनाव सकारात्मक राजनीति बनाम नकारात्मक राजनीति का है। एक तरफ भाजपा है जो मुद्दाविहीन है। नकारात्मक मुद्दों को लेकर आ रही है। वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी है जो साढ़े चार साल में कराए गए विकास कार्यों को सामने लेकर आ रही है। हम विकास की बात कर रहे हैं।

सवालः क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आप की तैयारी शुरू हो चुकी है?

जवाबः बिल्कुल, हमारी तैयारी शुरू हो चुकी है। इसी के तहत हम काम कर रहे हैं। जनसंवाद अभियान के बाद अब हम आपन पूर्वाचल अभियान शुरू करने जा रहे हैं। यह अभियान 6 अक्टूबर से शुरू होकर 20 नवंबर तक चलेगा। इसके तहत पूर्वाचल के लोगों से संपर्कसाधा जाएगा। इसके अलावा दूसरे अभियान भी शुरू करेंगे। जिनके माध्यम से चुनाव तक लगातार पार्टी जनता के संपर्क में रहेगी।

सवालः करीब एक माह तक चले जनसंवाद अभियान में क्या बातें निकल कर आईं?

जवाबः इस बारे में विस्तार से जानकारी गोपाल राय ही दे पाएंगे। मगर मोटे तौर पर लोगों ने दिल्ली की हमारी सरकार की हर तरह से सराहना की है। किसी ने बताया है कि उनके बेटे का दाखिला किसी नामी स्कूल में हो गया है जिसके बारे में वह सोच भी नहीं सकते थे। वहीं किसी ने बताया कि उसका अस्पताल में लाखों रुपये में होने वाला इलाज मुफ्त में हो गया। लोगों ने बताया कि उनके बिजली पानी के बिल माफ हो गए हैं। किसी का जीरो बिजली का बिल आ रहा है किसी का पांच रुपये या दस रुपये बिल आ रहा है।

सवालः एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) को लेकर आम आदमी पार्टी का क्या रुख है?

जवाबः पहले यह जानने की जरूरत है कि एनआरसी है क्या, 1971 से पहले के जो लोग दिल्ली में रह रहे हैं वही दिल्ली में रह सकते हैं। उन्हें इस बात का प्रमाण देना होगा कि वे 1971 से पहले से दिल्ली में रह रहे हैं। यानी जो दिल्ली में 1971 से पहले का होगा वही रह पाएगा। यानी असम और दूसरे राज्यों की तरह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी दिल्ली से भी उत्तर प्रदेश व बिहार के लोगों को भगाना चाहते हैं। दूसरी बात यह है कि क्या मनोज तिवारी बताएंगे कि उन्होंने कितने बांग्लादेशियों को देश से बाहर कराया है, एक का भी वह नाम बता दें।

सवालः आम आदमी पार्टी दिल्ली में भाजपा की तरफ मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर क्यों चिंतित है? इसे लेकर आप के नेता भाजपा नेता विजय गोयल के आवास पर प्रदर्शन कर चुके हैं? इसके पीछे क्या मकसद है?

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