अंतर संसदीय संघ की बैठक में शिरकत करेंगे लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला

लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला के नेतृत्‍व में एक भारतीय संसदीय शिष्‍टमंडल सर्बिया (बेलग्रेड) में आयोजित अंतर संसदीय संघ की 141वीं बैठक में भाग लेंगे। यह बैठक में 13 से 17 अक्‍टूबर को सर्बिया में होगी।

शिष्‍टमंडल के प्रमुख सदस्‍यगण 

इस शिष्‍टमंडल में शशि थरूर, कनिमोझी करूणानिधि,वानसुक साइम, जुगल किशोर शर्मा, डॉ भारतीबेन धीरूभाई श्‍याल, शोभा कारांदलाजे, राम कुमार वर्मा, सस्मित पात्रा, स्‍नेहलता श्रीवास्‍तव, महासचिव लोकसभा, राज्‍यसभा महासचिव देश दीपक वर्मा और शिष्‍टमंडल के सचिव पीसी कौल शामिल हैं। यह शिष्‍टमंडल 12 अक्‍टूबर 2019 को रवाना होगा।

विभिन्‍न बैठकों और महत्‍वपूर्ण विषयों पर होगी चर्चा 

बैठक के दौरान लोकसभा अध्‍यक्ष अंतरराष्‍ट्रीय कानूनों का सुदृढ़ीकरण,संसदों की भूमिका और तंत्र तथा क्षेत्रीय सहयोग का योगदान जैसे मुख्‍य विषय पर 179 सदस्‍य देशों से आए पीठासीन अधिकारियों और सांसदों की प्रतिष्ठित सभा को संबोधित करेंगे। बैठक के दौरान भारतीय शिष्‍टमंडल के सदस्‍य अंतर-संसदीय संघ की स्‍थायी समितियों, महिला सांसद मंच, युवा सांसद मंच की विभिन्‍न बैठकों और महत्‍वपूर्ण विषयों पर चर्चा में भाग लेंगे। शिष्टमंडल के सदस्‍य इस अवसर पर  आयोजित ब्रिक्‍स संबंधी संसदीय मंच की बैठकों  संसदीय मंच की बैठकों में भी भाग लेंगे। दोनों सदनों के महासचिव, विभिन्न संसदों के महासचिवों के संघ की बैठकों में हिस्‍सा  लेंगे।

कौन हैंं ओम बिड़ला  

1- ओम बिड़ला राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल में उनके सबसे विश्वस्त लोगों में थे। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और शिवराज सिंह चौहान के भी वह बहुत करीबी रहे। ओम बिड़ला भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे हैं।

2- कोटा में ओम जी भाईसाब के नाम से पहचाने जाने वाले ओम बिड़ला तीन बार विधायक रह चुके हैं।  वर्ष 2003 में पहली बार उन्होंने कोटा दक्षिण विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के दिग्गज नेता शांति धारीवाल को हराकर विधायक बने थे।

3- वर्ष 2013 में विधायक चुने जाने के बाद भी 2014 के लोकसभा चुनाव में वह कोटा-बूंदी संसदीय सीट से चुनाव लड़े और विजयी हुए। वह कांग्रेस के दिग्गज नेता रामनारायण मीणा को दो लाख 79 हजार वोटों से हराकर सारी आशंकाओं को गलत साबित कर दिया और पिछली बार से ज्यादा वोटों से जीते।

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