शहनाई और बैंड बाजे की धुन के बीच शुरू होगा ऐतिहासिक देवा मेला
कौमी एकता और सछ्वाव के प्रतीक ऐतिहासिक देवा मेला का आज जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह की धर्मपत्नी शीतल वर्मा की ओर से शेख मोहम्मद हसन गेट पर फीता काट कर औपचारिक शुभारंभ होगा। प्रसिद्ध सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के वालिद सैय्यद कुर्बान अली शाह की याद में लगने वाला देवा मेला 15 अक्टूबर से शुरू हो रहा है।
करीब डेढ़ सदी का इतिहास समेटे इस मेले की शुरुआत स्वयं हाजी वारिस अली शाह ने अपने वालिद की याद में की थी जो आज प्रदेश और देश के नामी मेलों में शुमार है। मंगलवार को शाम पांच बजे शहनाइयों और बैंड बाजे की धुन के बीच मेले का शुभारंभ होगा। दस दिनों तक चलने वाले इस मेले में धार्मिक गतिविधियों के साथ, व्यावसायिक, सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों का अपना अलग स्थान है। आस्था और गंगा जमुनी तहजीब का पर्याय बने इस मेले के दौरान लाखों जायरीन सूफी संत को अकीदत पेश करने आते हैं। मंगलवार को इसके औपचारिक शुभारंभ के साथ ही मजार शरीफ के कार्यक्रमों की भी शुरुआत हो जाएगी। प्रेक्षागृह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही खेल गतिविधियों की भी शुरुआत होगी।
आठ दशक पुराना है एजाज रसूल गेट
मेला परिसर में बने एजाज रसूल और शेख मोहम्मद हसन गेट का निर्माण कई दशक पहले हुआ था। दोनों गेट मेले की शान हैं। एजाज रसूल गेट का निर्माण जहांगीराबाद के राजा एजाज रसूल की याद में 20 अगस्त 1939 को हुआ था। अंग्रेजों के शासनकाल में तत्कालीन मेला अध्यक्ष मोहम्मद वहाजुद्दीन अब्बासी और सचिव शेख मोहम्मद हसन ने इसका उद्घाटन किया था। वहीं शेख मोहम्मद हसन गेट उस समय के देवा मेला के सेक्रेटरी शेख मोहम्मद हसन की यादों को संजोए है। शेख मोहम्मद हसन गेट भी कई दशक पुराना है। इसी गेट पर मेले के शुभारंभ की रस्म अदा होती है।
महिला पहलवानों की कुश्ती होगी आकर्षण का केंद्र
देवा मेला का तीन दिवसीय राष्ट्रीय दंगल इस बार 19 अक्टूबर से शुरू होगा। तीनों दिन नामी पहलवान अपने कुश्ती के दांव पेंच दिखाएंगे। वहीं 20 और 21 अक्टूबर को महिला पहलवानों का भी दंगल होगा। इस बार के दंगल में मेरठ के गुलाम वारिस, राजस्थान के राहुल पहलवान, पंजाब के बग्गा पहलवान, हरियाणा के काला चीता, दिल्ली के अशोक पहलवान, नेपाल के महावीर और बसंत थापा, हिमाचल के बादल पहलवान, अयोध्या के बाबा हरि ओम बहराइच के मुन्ना टाइगर, उत्तराखंड के शाहनूर और कलियर के गनी पहलवान की कुश्ती आकर्षण का केंद्र होंगी। महिला पहलवानों में बिहार की सोनम, गाजीपुर की राधिका, कानपुर की रेनू दिल्ली की नेहा, गाजियाबाद की ब्यूटी और पटना की सोनाली पहलवान की कुश्तियां होंगी। दंगल के लिए इस बार नया अखाड़ा बनाया जा रहा है और अन्य प्रबंध पूरे किए जा रहे हैं।
घुमंतू परिवारों का अड्डा बना देवा मेला
मेला शुरू होते ही काफी संख्या में घुमंतू परिवार भी रोजी रोटी की तलाश में मेले में डेरा डाल देते हैं। घोड़ा बाजार में आठ वर्षीय रोहित रस्सियों पर चलने का करतब दिखा रहा था। रोहित की मां गुलाबा कहती है कि वह हर साल मेले में रोजी-रोटी के जुगाड़ में आती हैं। यहां 10 दिनों में अ’छी कमाई हो जाती है। नाथ सम्प्रदाय के काफी लोगों के डेरे मेला में लगे हैं। इनके डेरा वाला स्थान नाथन बगिया के नाम से मशहूर हो चुका है। बहुरूपिया, जादू और खेल तमाशा दिखाने वाले काफी परिवारों ने भी मेले में डेरा डाल रखा है। मेले के दौरान होने वाली अ’छी आमदनी इन्हें हर साल मेले तक खींच लाती है।
बंद पड़ा राही गेस्ट हाउस : देवा कस्बे में पर्यटन विभाग की एक मात्र निशानी राही गेस्ट हाउस अरसे से बंद पड़ा है। सूफी नगरी देवा पर्यटन केंद्र के रूप में घोषित है, लेकिन पर्यटन के नाम पर यहां कुछ भी विकास नहीं हुआ है। करीब एक दशक पूर्व मेला क्षेत्र में पर्यटन विभाग के राही गेस्ट हाउस का निर्माण हुआ था। काफी अर्से से यह बंद पड़ा है।