30 लाख से अधिक मेट्रो यात्रियों के लिए खुशखबरी, दिल्ली में चलेंगे ई-ऑटो
ई-रिक्शा के बाद अब दिल्ली में ई-ऑटो भी चल सकते हैं। ‘लास्ट माइल कनेक्टिविटी’ के तहत दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) के इस प्रस्ताव पर निकट भविष्य में मंजूरी मिल सकती है। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने भी इस पर अपनी सहमति जता दी है। हालांकि ईपीसीए ने इसके परिचालन से पूर्व इस दिशा में एक विस्तृत पॉलिसी फ्रेमवर्क तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि डीएमआरसी ने सुप्रीम कोर्ट से 15 हजार ई-ऑटो चलाने की अनुमति मांगी थी। कोर्ट ने इस पर ईपीसीए से रिपोर्ट देने को कहा था। सोमवार को ईपीसीए ने इंडिया हैबिटेट सेंटर स्थित कार्यालय में इस पर बैठक की। इस बैठक में ईपीसीए ने प्रस्ताव को तो सही बताया, लेकिन पुरानी बैटरियों के निस्तारण, बैटरी चार्जिंग, पार्किंग एवं किराया आदि तमाम मुद्दों पर विस्तृत प्रस्ताव देने को कहा।
डीएमआरसी अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो स्टेशनों पर विशेष डिपो बनाकर ई ऑटो उपलब्ध कराने की योजना है। सीएनजी की बजाय यह ऑटो बैटरी से संचालित होंगे। इनसे प्रदूषण भी नहीं होगा। इस पर ईपीसीए अध्यक्ष भूरेलाल ने कहा कि ई ऑटो के परिचालन को लेकर विस्तृत योजना आनी चाहिए। इसकी वजह से मेट्रो ज्यादा महंगी सेवा न हो जाए, इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
वहीं, ईपीसीए सदस्य सुनीता नारायण ने कहा कि बैटरी से चलने वाले ई-ऑटो पर यह गाइडलाइंस सामने आनी चाहिए कि इस्तेमाल होने के बाद बैटरियों का क्या होगा। इन्हें चार्ज करने की व्यवस्था कैसे की जाएगी। कहीं ऐसा न हो कि ई-रिक्शा की तरह ही ई-ऑटो की बैटरियों का निस्तारण ठीक प्रकार से न हो और वे प्रदूषण का कारक बन जाएं।
नए ऑटो को मंजूरी नहीं मिलने के चलते है जरूरत
दिल्ली में एक लाख सीएनजी चालित ऑटो रिक्शा हैं। इनकी संख्या बढ़ाए जाने पर फिलहाल रोक लगी हुई है। जबकि दिल्ली भर में ई-रिक्शा की संख्या लगातार बढ़ रही है। ई-रिक्शा जहां 25 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा रफ्तार नहीं से चल सकते। वहीं, ई ऑटो की रफ्तार 50 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। इससे ऑटो कमी की कमी को ई-ऑटो के जरिये पूरा किया जा सकता है।
एक ही कंट्रोल रूम से होगी निगरानी
ई-ऑटो पर एक ही कंट्रोल रूम से निगरानी की बात कही जा रही है। ईपीसीए सदस्य सुनीता नारायण ने कहा कि इसे लेकर ठोस योजना बनानी चाहिए कि सभी ई-ऑटो पर जीपीएस लगा हो और एक ही कंट्रोल रूम से उनकी निगरानी की जा सके। अलग-अलग कंट्रोल रूम होने से उन पर निगरानी रखना एक मुश्किल काम साबित होगा।
सभी मेट्रो स्टेशन से मिलेगी सुविधा
डीएमआरसी की योजना है कि ई- ऑटो को अपने सभी 184 मेट्रो स्टेशनों से उपलब्ध कराए। मेट्रो स्टेशन पर पिक एंड ड्रॉप के लिए विशेष जगह बनाई जाएगी। इनके लिए बनाए गए डिपो में ही ई-ऑटो को चार्ज करने की जगह बनाई जाएगी। फिलहाल पांच एजेंसियां दिल्ली मेट्रो के साथ इस योजना को लेकर संपर्क में हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर की लाइफ लाइन बन चुकी दिल्ली मेट्रो की ट्रेनों में 30 लाख से अधिक लोग यात्रा करते हैं। ई-ऑटो चलने की स्थिति में यात्रियों को बड़ी सुविधा मिल सकती है।