सिंगल-यूज प्लास्टिक का विकल्प पेश कर जीत सकते हैं 3 लाख का इनाम

सरकार ने स्टार्ट-अप्स के लिए सिंगल-यूज प्लास्टिक का विकल्प प्रस्तुत करने की चुनौती रखी है। इसके तहत पहले विजेता को तीन लाख और दूसरे नंबर पर आने वाले को दो लाख रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा। डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआइआइटी) ने बताया कि यह चुनौती इनोवेटर्स और स्टार्ट-अप को सिंगल-यूज प्लास्टिक का विकल्प पेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। यह चुनौती सभी स्टार्ट-अप कंपनियों के लिए खुली होगी। लेकिन पेश किए प्रोडक्ट व्यावहारिक हों, प्रोडक्ट के सैद्धांतिक सबूत हों या बड़े पैमाने पर उसका उत्पादन संभव हो।

विजेताओं का चुनाव विशेषज्ञों का एक पैनल करेगा। प्रतिभागियों में से सबसे पहले उपयुक्त की छंटनी की जाएगी। इसके बाद विभाग द्वारा निर्धारित किए गए मानकों पर खरा उतरने वाले उत्पाद को पुरस्कृत किया जाएगा। विजेताओं की घोषणा इसी महीने की 31 तारीख को की जाएगी।

गौरतलब है कि सरकार सिंगल-यूज प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने की कोशिशों में जुटी है। इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित नहीं किया गया है। अभी इस तरह की प्रदूषणकारी प्लास्टिक से छुटकारा पाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। सर्वाधिक प्रयोग किए जाने वाले सिंगल-यूज प्लास्टिक के अंतर्गत प्लास्टिक के बैग, सोडा और पानी की बोतलें, खाने को पैक करने की चीजें, पेय पदार्थो के लिए उपयोग में आने वाली छोटी पाइप (स्ट्रॉ) आदि हैं।

क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक

सिंगल यूज प्लास्टिक वह होता है जिसे ग्राहक एक बार ही उपयोग में लाता है और फिर उसे कचरे में फेंक दिया जाता है। अर्थात सिर्फ एक बार इस्तेमाल में आने वाली प्लास्टिक सिंगल यूज प्लास्टिक कहलाती है। इसका दूसरा नाम डिस्पोजेबल प्लास्टिक भी है। रोजमर्रा में काम आने वाली चीजें जैसे प्लास्टिक के कप, प्लास्टिक की बोतलें, प्लास्टिक के कैरी बैग, फूड पैकेजिंग में काम आने वाली प्लास्टिक, प्लास्टिक के रैपर्स आदि सिंगल यूज प्लास्टिक के अंतर्गत आते हैं। हालांकि, इनकी रिसाइक्लिंग की जा सकती है।

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