जानिए महिंद्रा ने कंपनी से जुड़े सवालों के क्या दिये जवाब
न्यू महिंद्रा की अवधारणा ने महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह को नई पहचान दी है। समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा का कहना है कि उनकी कोशिश ग्राहकों को दुनिया की श्रेष्ठ टेक्नोलॉजी का लाभ पहुंचाना है। महिंद्रा ने के सवालों के जवाब में कहा कि वह ग्राहकों को किफायती दामों पर बेहतर टेक्नोलॉजी का लाभ देना चाहते हैं। पेश हैं आनंद महिंद्रा से साक्षात्कार के प्रमुख अंश-
महिंद्रा समूह को आप आमतौर पर फेडरेशन ऑफ कंपनीज कह कर संबोधित करते हैं। इस समूह को चलाने की आपकी फिलॉसफी क्या है?
महिंद्रा का पूरा फोकस प्रत्येक श्रेणी में ग्राहकों की जरूरतों के अनुरूप श्रेष्ठ प्रोडक्ट और सर्विस देने पर है। मैं और मेरे सहयोगी रोज इन्हीं लक्ष्यों के साथ काम पर आते हैं। हमारे ब्रांड का अपने ग्राहकों से किया जाने वाला वादा है- राइज। हम जो भी करते हैं उसका मुख्य उद्देश्य ग्राहकों का जीवन समृद्ध और अर्थपूर्ण बनाना है। इसे हम ‘ड्राइ¨वग पॉजिटिव चेंज’ कहते हैं। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम अपने लोगों को ‘ऑल्टरनेटिव थिंकिंग’ और ‘एक्सेप्ट नो लिमिट’ का मंत्र अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
हाल की कुछ घटनाओं को देखते हुए कॉरपोरेट गवर्नेस को लेकर आपका क्या रुख है? महिंद्रा समूह के लिए यह कितना अहम है?
कॉरपोरेट गवर्नेस महिंद्रा समूह के बिजनेस के तौर-तरीकों का केंद्र है। अगर आप हमारे संगठन के ढांचे और उसके मूल्यों को प्रदर्शित करने वाले प्रतीक बरगद के वृक्ष को देखें, तो मैं कहूंगा कि गवर्नेस इस वृक्ष का तना है। अर्थात यह हमारे मूल्यों का आधार है जिसे हम रोज जीने की कोशिश करते हैं। यही मूल्य समूह की सभी कंपनियों को आपस में बांधे रखता है। जिन कंपनियों में गवर्नेस को मजबूती से नहीं अपनाया जाता, वे अपनी प्रतिष्ठा और ग्राहकों के भरोसे को भी खो बैठती हैं। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपका बिजनेस लंबे समय तक बढ़ता रहे तो गवर्नेस उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
आजकल न्यू महिंद्रा काफी चर्चा में है। यूटिलिटी व्हीकल और ट्रैक्टर मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के तौर पर मशहूर इस समूह की यह नई पहचान विकसित हो रही है। इसके बारे में बतायें।
महिंद्रा में हम विविध प्रकार के ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करते हैं। चाहे वो मेट्रो शहरों के हों या फिर छोटे शहरों में बड़े सपने रखने वाले ग्राहक, महिलाएं हो या मिलेनियल जो अपनी जीवन-शैली को नए उत्पादों और अनुभव से समृद्ध करना चाहते हैं। हम उन्हें ऐसी टेक्नोलॉजी देना चाहते हैं जिसकी उन्हें जरूरत हो और जो उनके लिए किफायती भी हो। हम पहले से ही कुछ नई सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। इनमें शेयर्ड इलेक्टिक मोबिलिटी सर्विस ‘ग्लिड’ भी शामिल है। इसके अतिरिक्त वाहन खरीदने से लेकर बिक्री बाद सेवाओं तक ग्राहकों के अनुभव को बेहतर करने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
महिंद्रा नए उत्पादों को विकसित करने के लिए अपनी ग्लोबल कंपनियों की टेक्निकल अनुभव का भी लाभ उठा रहा है। इनमें महिंद्रा ऑटोमोटिव नॉर्थ अमेरिका, इटली की ऑटोमोबिली पिनिनफरीना और कोरिया की सांगयोंग मोटर कंपनी शामिल हैं। वास्तव में हमारे तीन हालिया प्रोडक्ट्स मराजो, अल्टूराज जी-4 और एक्सयूवी-300 इन्हीं कंपनियों के सहयोग का नतीजा हैं। पूरे भारत में हमारे तीन मॉडल बोलेरो, स्कॉर्पियो और स्टाइलिश एक्सयूवी-500 ग्राहकों की पहली पसंद बने हुए हैं।
आपने अपनी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का जिक्र किया। समूह की ग्लोबलाइजेशन यात्र के बारे में बताइए कि ब्रांड महिंद्रा के लिए यह कितना लाभदायक रहा?
हम ग्लोबल कंपनी के तौर पर लगातार विकास कर रहे हैं। सौ से अधिक देशों में हमारी मौजूदगी है। 13 देशों में डेवलपमेंट सेंटर और 63 मैन्यूफैक्चरिंग सुविधाएं हैं। यह पूरी दुनिया में ब्रांड महिंद्रा की पहचान और उसके प्रति लगाव पैदा करने में सहायक साबित हो रहा है।
समूह का फार्म इक्विपमेंट बिजनेस भी काफी हद तक ग्लोबल हो चुका है। हमारे पास फिनलैंड में सैंपो, तुर्की में हिसालार, जापान में मित्सुबिशी और अमेरिका में म¨हद्रा यूएसए के साथ मैन्यूफैक्चरिंग सुविधाएं हैं।
इटली की हमारी डिजाइन और इंजीनियरिंग कंपनी पिनिनफरीना का प्रदर्शन उल्लेखनीय है। इन्होंने हमें मराजो एमपीवी और फूरियो की कॉमर्शियल व्हीकल रेंज तैयार करने में मदद की। हम दुनिया की पहली लक्जरी इलेक्टिक हाइपर परफॉरमेंस कार पिनिनफरीना बातिस्ता पर भी काम कर रहे हैं। इस सबसे यह नहीं समझा जाना चाहिए कि हमने अपनी वैश्विक आकांक्षाओं को प्राप्त कर लिया है। अभी सही अर्थो में ग्लोबल कंपनी बनने की हमारी यात्रा जारी है।
ऑटोमोटिव मार्केट के भविष्य को कैसा देखते हैं आप, खासतौर पर इलेक्टिक व्हीकल के संदर्भ में?
महिंद्रा देश में इलेक्टिक व्हीकल के मामले में अग्रणी रहा है। हमारी यात्र 20 वर्ष पहले 1999 में इलेक्टिक तिपहिया ‘बिजली’ के लांच से शुरू हुई थी। यह हमारे ग्रुप का एक छोटा सा उत्साही प्रोजेक्ट था, जिसने अपने समय से काफी आगे का प्रोडक्ट बनाया था। बाद में हमने रेवा का अधिग्रहण किया और ईवी के अपने विजन का विस्तार किया।
चूंकि केंद्र और राज्य सरकारें दोनों ही पर्यावरण के अनुकूल मोबिलिटी पर ध्यान दे रही हैं, इसलिए ईवी सेग्मेंट में वृद्धि की गुंजाइश है। पूरी दुनिया में इसे किफायती बनाने पर काम चल रहा है और शहरी क्षेत्रों में यह एक अच्छा विकल्प बन सकता है। हालांकि अभी इलेक्टिक वाहनों से आइसी इंजन वाहनों को पूरी तरह बदलने में काफी वक्त लगेगा।
इलेक्टिक वाहनों की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए देश में इसके लिए चार्जिग इन्फ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता अहम मोड़ साबित होगी। सरकार इसके लिए काम कर रही है। राज्य सरकारें भी अब इलेक्टिक वाहनों को बढ़ावा देने और उन पर छूट देने के लिए आगे आ रही हैं। इन सब प्रयासों के बाद इलेक्टिक वाहन किफायती साबित होंगे। अभी आइसी इंजन वाहनों की तुलना में इलेक्टिक वाहन महंगे हैं। इलेक्टिक बैटरी की कीमत घटने में अभी वक्त लगेगा। इसका सबसे अच्छा समाधान है स्वदेशीकरण। म¨हद्रा में हम ऐसा करने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं। अब तक बैटरी निर्माण, मोटर्स और इलेक्टिक पावरट्रेन व अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स पर हम 1,000 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं। यह सब पूरा हो जाने पर इलेक्टिक व्हीकल में बड़े पैमाने पर वैल्यू एडीशन कर सकेंगे। महिंद्रा को अब तक 15 करोड़ इलेक्टिक किलोमीटर का अनुभव हो चुका है।
महिंद्रा और फोर्ड में हुए समझौते से आपकी क्या उम्मीदें है?
दोनों कंपनियों के बीच सहयोग का पुराना अनुभव है। हमारा इंजीनियरिंग का अनुभव और फोर्ड की टेक्निकल विशेषज्ञता और वैश्विक पहुंच हमारी संयुक्त ताकत बनेगी। इस ज्वाइंट वेंचर के तहत फोर्ड ब्रांड से तीन नए यूटिलिटी व्हीकल आने की उम्मीद है। इसकी शुरुआत मिडसाइज स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल से हो सकती है। यह संयुक्त उद्यम न केवल भारत, बल्कि उभरते बाजारों में अपने उत्पादों को स्थापित कर पाएगा। इस जेवी का इलेक्टिकल व्हीकल पर भी फोकस रहेगा।
वॉल्यूम के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी ट्रैक्टर कंपनी होने के नाते आप किसानों की बदलती जरूरतों में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को कैसे आंकते हैं?
तीन दशक से महिंद्रा भारत में ट्रैक्टर बाजार में अव्वल बना हुआ है। हमारी बाजार हिस्सेदारी 40 परसेंट से अधिक है। स्वराज ट्रैक्टर के अधिग्रहण के बाद हम वॉल्यूम के लिहाज से दुनिया के सबसे बड़े ट्रैक्टर निर्माता बन गए हैं। लेकिन हम अपनी टेक्निकल क्षमता को ट्रैक्टर से आगे ले गए हैं। कंपनी फार्म मशीनरी की एक पूरी रेंज तैयार करने पर काम कर रही है। इसका विचार दुनियाभर में बड़े आकार के खेतों में इस्तेमाल की जा रही टेक्नोलॉजी से लिया गया है। हमारा उद्देश्य इसे छोटी जोत के किसानों के लिए किफायती बनाना है।
देश की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर आपका क्या विचार है?
हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि अगले कुछ वर्षो में भारत 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था के तौर पर उभरेगा। साथ ही यह दुनिया की सबसे तेज विकास वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। सरकार आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया जारी रखे हुए है। पिछले कुछ महीनों में सरकार ने आर्थिक विकास की दर को बढ़ाने के लिए कई उपायों का एलान किया है। इसके अतिरिक्त मौद्रिक नीति के जरिये भी अर्थव्यवस्था में सुधार के उपाय किए गए हैं। कॉरपोरेट टैक्स की दर में कमी हुई है। लेकिन ऑटो इंडस्ट्री की धीमी रफ्तार सरकार के वित्तीय गणित के लिए बड़ी चिंता बनी हुई है। जीएसटी की दर में कमी और खपत बढ़ाने के अल्पकालिक उपायों की तत्काल आवश्यकता है। ऐसा करना इसलिए जरूरी है क्योंकि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का असर उससे जुड़े कई छोटी कंपनियों और रोजगार पर होता है।
दिवाली आ गई है। क्या यह वाहन खरीदने का सही समय है या नये वर्ष का इंतजार करना बेहतर होगा?
मुझे लगता है अभी कार खरीदने का एकदम सही वक्त है। सभी कार कंपनियां बढ़िया डील ऑफर कर रही हैं। अगले साल अप्रैल से वाहनों की कीमत में वृद्धि शुरू हो जाएगी। इसलिए अभी कार खरीदना बेहतर होगा। इसके साथ ही मैं दैनिक जागरण के सभी पाठकों को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं भी देता हूं।
इलेक्टिक बैटरी की कीमत घटाने का सबसे अच्छा समाधान है स्वदेशीकरण। महिंद्रा में हम इस पर काफी मेहनत कर रहे हैं। अब तक बैटरी निर्माण, मोटर्स और अन्य उपकरणों पर हम 1,000 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं।