स्पेशल कोर्ट में हुड्डा और मोतीलाल वोरा को मिली अंतरिम जमानत
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोतीलाल वोरा को एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में बड़ी राहत मिली है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पंचकूला स्थित विशेष अदालत ने दोनों नेताओं को अंतरिम जमानत दे दी है। दाेनों नेता आज अदालत में पेश हुए। अब इस मामले की सुनवाई 6 नवंबर को होगी।
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा शिकायत दर्ज करवाई गई थी। स्पेशल कोर्ट ने 30 अक्टूबर को मोतीलाल वोरा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे। आज दोनों नेता अदालत में पेश हुए। आज मामले की सुनवाई पूरी हो गई है और अब अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी। स्पेशल कोर्ट ने मोतीलाल वोरा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पांच-पांच लाख रुपये के ब्रांड पर अंतरिेम जमानत दी है।
आज की सुनवाई के दौरान मामले के दोनों मुख्य आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व एजेएल के तत्तकालीन चेयरमैन मोतीलाल वोरा के लिए यह बड़ी राहत है। इसके साथ ही बचाव पक्ष द्वारा लगाई गई रेगुलर बेल की अर्जी पर 6 नवंबर को सुनवाई होगी। 6 नवंबर को सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बचाव पक्ष की इस याचिका पर अपना जवाब दायर किया जाएगा।
बता दें कि 26 अगस्त को इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हुड्डा एवं वोरा के खिलाफ अभियोजन की शिकायत दाखिल की थी। हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने 64.93 करोड़ रुपये का प्लॉट एजेएल को महज 69.39 लाख रुपये में आवंटित करवा दिया। पंचकूला स्थित यह भूखंड सेक्टर छह में सी-17 नंबर आवंटित किया गया था। इसे पिछले साल ED ने अटैच कर लिया था। यह ग्रुप नेशनल हेरल्ड अखबार निकालता था।
कुछ दिन पूर्व प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंचकूला में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को भूखंड आवंटन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछताछ भी की थी। हुड्डा के बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किए गए थे।
ईडी की जांच में पाया गया है कि हुड्डा ने हरियाणा का मुख्यमंत्री रहने के दौरान अपने पद का दुरुपयोग करते हुए यह भूखंड पुन: आवंटन की आड़ में नए सिरे से एजेएल को 1982 की दर (91 रुपये प्रति वर्ग मीटर) और ब्याज के साथ फर्जी तरीके से आवंटित कर दिया।
जांच एजेंसी ने कहा था कि 2005 में इस पुनआर्वंटन से एजेएल को अनुचित फायदा हुआ। ED के मुताबिक, इस भूखंड का बाजार मूल्य 64.93 करोड़ रुपये था, जबकि इसे 69.39 लाख रुपये में आवंटित कर दिया था। हुड्डा के खिलाफ विशेष अदालत में पहले ही मानेसर जमीन घोटाले सहित अन्य मामले में आरोप तय करने के लिए बहस चल रही है। विशेष जज जगदीप सिंह इन मामलों की सुनवाई कर रहे हैं।