मौसम विभाग के अनुसार गुजरात और अंडमान निकोबार में भारी बारिश के आसार…
अरब सागर में बने शक्तिशाली तूफान ‘महा’ का देश के कई राज्यों में असर दिखने लगा है। अरब सागर की तरफ से लगातार आ रही नमी से गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व अंडमान निकोबार सहित अन्य राज्यों में बादल छा गए हैं। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गुजरात और अंडमान निकोबार में भारी बारिश के अासार हैं।
दक्षिणी गुजरात और सौराष्ट्र के तटीय इलाकों में तेज हवाएं चल सकती हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों क्यार चक्रावत की वजह से दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के कई इलाकों में भारी बारिश हुई थी। जिसकी वजह से किसानों की फसल को काफी नुकसान हुआ। गुजरात के किसानों को ‘क्यार’तूफान के बाद अब ‘महा’ नामक चक्रवात का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने राज्य में एक बार फिर बारिश होने का अनुमान जताया है। महा चक्रवात के चलते मछुआरों को सतर्क करते हुए समुद्र में ना जाने की सलाह दी गई है।
इसके अलावा बंगाल की खाड़ी में भी एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। उसकी वजह से भी मध्यप्रदेश में नमी बढ़ रही है। इससे पहले शनिवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक धार में 2, बैतूल में 0.2 मिमी. बरसात हुई। उज्जैन, भोपाल में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अभी 5 दिन तक मौसम साफ होने के आसार नहीं हैं। रविवार से बरसात की गतिविधियां और बढ़ने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी उदय सरवटे ने बताया कि वर्तमान में चक्रवाती तूफान ‘महा’ अरब सागर में गुजरात के तट से करीब पहुंच गया है। इसके प्रभाव से प्रदेश में नमी आने का सिलसिला शुरू हो गया है। इससे बादल छाने लगे हैं। इसके प्रभाव से 7-8 अक्टूबर को भोपाल, इंदौर, होशंगाबाद, उज्जैन संभाग में तेज बौछारें पड़ने के आसार हैं। उधर बंगाल की खाड़ी में भी एक शक्तिशाली कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके प्रभाव से भी 7-8 नवंबर को प्रदेश में बरसात की संभावना बन रही है। सरवटे के मुताबिक यदि दोनों तरफ के सिस्टम से एक साथ ऊर्जा मिली, तो 7-8 नवंबर को प्रदेश में कई स्थानों पर भारी बरसात के हालात भी बन सकते हैं।
लक्षद्वीप वासियों को मिली राहत
चक्रवाती तूफान महा से लक्षद्वीप वासियों ने राहत की सांस ली, तूफान लक्षद्वीप समूह को बिना प्रभावित किए निकल गया। लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल ने बताया कि चक्रवात महा के कारण समुद्र में उफान और भारी बारिश देखी गई लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। बता दें कि मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि चक्रवात महा में 80-90 किमी से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली तेज हवाओं का प्रभाव लक्षद्वीप के उत्तरी भागों और इससे सटे दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर होने की संभावना है।