एक हजार से अधिक भारतीय सिख पाकिस्‍तान के पंजाब प्रांत पहुंचें, पढ़े पूरी खबर

सिख धर्म के संस्‍थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के मौके पर करीब एक हजार से अधिक भारतीय सिखों के जत्था (नगर कीर्तन) उनकी जन्‍मस्‍थली पाकिस्‍तान के पंजाब प्रांत के हसनाबल शहर पहुंच चुके हैं। पंजाब प्रांत के गुरुद्वारे को रंगीन रोशनी से सजाया गया है। यह भारतीय जत्‍था एक धार्मिक जुलूस ‘नगर कीर्तन’ के तहत पाकिस्‍तान पहुंचा है। नगर कीर्तन (सिखों के जत्था)

इवाकाए ट्रस्‍ट प्रॉपर्टी बोर्ड (इटपीबी) के उप सचिव श्राइन इमरान गोंडल ने कहा कि भारतीय जत्‍था 31 अक्‍टूबर को वाघा से लुधियाना और अमृतसर होते हुए पाकिस्‍तान सीमा में प्रवेश किया। रविवार को यह भारतीय सिख जत्‍था पाकिस्‍तान के पंजाब प्रांत के हसनाबल शहर पहुंचा। सिख तीर्थयात्रियों ने गुरुद्वारा जन्‍म स्‍थान, ननकाना साहिब एवं गुरुद्वारा सच्‍चा सोडा फारुकबाद और अन्‍य मंदिरों का भी दौरा किया। इस यात्रा का समापन करतारपुर के गुरुद्वारा दरबार साहिब में होगा। यहां यह जत्‍था सोने की पालिका ‘पालिका साहिब’ स्‍थाप‍ित करेगा।

गोंडल ने कहा कि 1300 वीजा पाकिस्‍तान और भारत के बीच धार्मिक तीर्थस्‍थलों की यात्राओं पर एक प्रोटोकॉल के तहत जारी किया गया है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और उनके रहने खाने का प्रबंध पाकिस्‍तान सिख गुरुद्वारा कमेटी और जिला प्रशासन ने मिलकर किया है। मीडिया से बात करते हुए गोंडल ने कहा कि भारतीय सिख 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में भी शामिल होंगे।  इस मौके पर उन्‍होंने ननकाना साहिब में बाबा गुरु नानक विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने और एक स्मारक सिक्का जारी करने को लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान की सराहना की है।

ईटीपीबी ने बताया कि गोल्डन पालकी को टैक्स के दायरे से बाहर रखने के लिए पाक फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू से मांग की गई है। साथ ही सिख श्रद्धालुओं के अावास एवं मेडिकल और ट्रांसपोर्टेशन के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। इस बीच गुरुवार को भारत-पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर के लिए परिचालन संबंधी समझौते पर दस्तखत किए हैं। हालांकि, पाकिस्तान द्वारा लगाए गए 20 डॉलर के सेवा शुल्क का मुद्दा अब तक नहीं सुलझ सका है। इस समझौते से गुरु नानक की 550वीं जयंती के पहले कॉरिडोर के उद्घाटन का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके साथ बॉर्डर से साढ़े चार किलोमीटर दूर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवल जिले में स्थित गुरुद्वारा साहिब तक सिख श्रद्धालु जा सकेंगे।

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