भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की नई कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों के लिए दफ्तर और आशियाने तैयार…

भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की नई कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों के लिए दफ्तर और आशियाने तैयार हैं। सचिवालय में पुराने मंत्रियों के कार्यालयों के बाहर से उनकी नेम प्लेट हटा ली गई, जबकि चंडीगढ़ के सेक्टर सात में कोठियां खाली हो चुकी हैं। इन कोठियों में अधिकतर सामान सरकारी है, लेकिन जिन मंत्रियों ने अपना निजी सामान यहां रखा हुआ था, वह लगभग समेट लिया गया है। अब इन आशियानों को नए मंत्रियों का इंतजार है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पुरानी कैबिनेट के अधिकतर मंत्री चंडीगढ़ के सेक्टर सात स्थित मंत्री लेन में रहते थे। भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला का आवास भी यहीं है। उन्हें विधायक के नाते यह कोठी मिली हुई थी। निवर्तमान स्पीकर कंवरपाल गुर्जर भी सेक्टर सात में ही रहते थे। अब ज्ञानचंद गुप्ता नए स्पीकर बने हैं, इसलिए गुप्ता पूर्व स्पीकर गुर्जर के आवास में शिफ्ट हो सकते हैं। हालांकि उन्हें निवर्तमान कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ का आवास भी दिया जा सकता है।

धनखड़ का आवास मुख्यमंत्री निवास के पीछे सेक्टर एक में है। वहीं पर पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का आवास था, जो अब डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को अलॉट किया जा सकता है। दुष्यंत को दफ्तर के लिए सचिवालय की पांचवीं मंजिल पहले ही अलॉट हो चुकी है। दुष्यंत उसी दफ्तर में बैठते हैं, जो पहले वित्त मंत्री के नाते कैप्टन अभिमन्यु के पास था।

चंडीगढ़ के सेक्टर सात में कृष्ण लाल पंवार, विपुल गोयल, मनीष ग्रोवर, कृष्ण कुमार बेदी, कविता जैन, सुभाष बराला और कर्ण देव कांबोज के आवास थे। राव नरबीर सेक्टर 16 में रहते थे। अनिल विज ने मंत्री रहते हुए भी पिछली बार चंडीगढ़ में आवास नहीं लिया था। उन्होंने अंबाला छावनी से ही चंडीगढ़ आवाजाही रखी। विपुल गोयल व राव नरबीर को इस बार टिकट नहीं मिले। इन सभी पुराने मंत्रियों के आवास के आगे लगी नेम प्लेट हटाई जा चुकी है।

अब इन पूर्व मंत्रियों ने अपना सामान भी पैक कर लिया है। नई मनोहर कैबिनेट में अब जो भी मंत्री बनेंगे, उनमें से अधिकतर इन्हीं कोठियों में शिफ्ट होंगे। सचिवालय में नए मंत्रियों के कार्यालयों में भी साज सज्जा का काम लगभग पूरा हो चुका है। जजपा कोटे के मंत्री सचिवालय की आठवीं मंजिल पर बैठेंगे।

इस बार अनिल विज का कमरा बदल सकता है। उनके पास मिलने आने वालों की संख्या अधिक रहती है। इसलिए विज को बड़ा कार्यालय अलॉट किया जा सकता है। सचिवालय की आठवीं मंजिल पर सिर्फ दो मंत्री अनिल विज व डॉ. बनवारी लाल ही ऐसे हैं, जिन्होंने दोबारा चुनाव जीता है। शेष सभी मंत्री चुनाव हार गए हैं।

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