पहली बार हरियाणा विधानसभा में करीब छह मिनट तक पंजाबी भाषा में चली कार्यवाही…
हरियाणा विधानसभा के इतिहास में मंगलवार का दिन कुछ खास था। खासतौर से उन लोगों के लिए, जो अक्सर पंजाबी भाषा को प्रोत्साहित करने का दबाव लगातार सरकार पर बनाते रहे हैैं। मंगलवार को पहली बार विधानसभा की कार्यवाही करीब छह मिनट तक पंजाबी भाषा में चली। सदन में हालांकि सिख समुदाय के विधायक और मंत्री भी मौजूद थे, लेकिन संयोग से चर्चा में दूसरे विधायकों ने हिस्सेदारी की।
पंजाबी को प्रोत्साहन देने की बात कालांवाली के कांग्रेस विधायक शीशपाल सिंह ने सदन में प्रश्नोत्तर काल के दौरान उठाई। असंध से कांग्रेस विधायक शमशेर गोगी ने पंजाबी में सदन को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार की उपलब्धि केवल इतनी है कि इन्होंने छह साल के दौरान पंजाबी अध्यापकों की सेवाएं समाप्त की हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस चर्चा में खुद को शामिल करते हुए पंजाबी में जवाब दिया कि बजट में पंजाबी भाषा के प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है और पंजाबी साहित्य अकादमी भी बेहतर कार्य कर रही है। इस मुद्दे को झज्जर से कांग्रेस विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने उस समय नया मोड़ दे दिया, जब उन्होंने पंजाबी भाषा में बोलते हुए पूरक सवाल दागा।
गीता भुक्कल ने मुख्यमंत्री व संसदीय कार्य मंत्री को संबोधित करते हुए सभी मंत्रियों व अधिकारियों के कार्यालय के बाहर उनके नाम व पद हिंदी के साथ-साथ पंजाबी में लिखने का मुद्दा उठाया। गीता भुक्कल ने हरियाणा की अलग गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी का मामला भी सदन में लगे हाथ उठा दिया। फिलहाल इस कमेटी को हरियाणा में मान्यता नहीं है।
संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने गीता भुक्कल के सवाल का जवाब दिया। गुर्जर जब पंजाबी भाषा को प्रमोट करने के लिए हिंदी में जवाब दे रहे थे तो गीता भुक्कल ने चुटकी लेते हुए कहा कि मंत्री जी बेहतर होगा कि पहले जवाब तो पंजाबी में दीजिए। पंजाबी को प्रमोट करने की बात तो बाद में हो जाएगी।
हरियाणा सरकार का ऐलान, अब पंजाबी में भी होंगे साइन बोर्ड
हरियाणा में पंजाबी भाषा को प्रोत्साहित करने की दिशा में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने ऐलान किया है कि भविष्य में हरियाणा में सभी साइन बोर्ड हिंदी के साथ-साथ पंजाबी भाषा में भी लिखे जाएंगे। प्रदेश सरकार पंजाबी को दूसरी भाषा के रूप में प्रमोट करेगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हवाले से संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने मंगलवार को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान यह ऐलान किया।