ईओडब्ल्यू ने डीएचएफएल के चार कर्मचारियों से भी की पूछताछ, ट्रस्ट के सचिव पीके गुप्ता का बेटा फरार

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के कर्मियों की भविष्य निधि की रकम निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में निवेश करने के मामले में ईओडब्ल्यू ब्रोकर फर्मों से जुड़े कई लोगों के बारे में छानबीन कर रही है। चार और ब्रोकर फर्मों के पते फर्जी निकले हैं। अब तक कुछ आठ फर्मों को फर्जी पतों पर रजिस्टर्ड कराये जाने की बात सामने आ चुकी है।

ईओडब्ल्यू ने सोमवार को डीएचएफएल के चार कर्मचारियों से पूछताछ भी की। उनसे मिली जानकारियों के आधार पर निवेश से जुड़े कई तथ्यों की पड़ताल की जा रही है। ईओडब्ल्यू ने अब तक सामने आने से बच रहे तत्कालीन सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता के बेटे अभिनव की तलाश भी तेज कर दी है। वह नोएडा में रियल एस्टेट का कारोबार करता है।

भविष्य निधि घोटाले में गिरफ्तार आरोपित पावर कारपोरेशन के पूर्व निदेशक एपी मिश्र, पूर्व निदेशक (वित्त) सुधांशु द्विवेदी व तत्कालीन सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता से पूछताछ के बाद ईओडब्ल्यू ने 14 ब्रोकर फर्मों की जांच तेज की है। उल्लेखनीय है कि इन फर्मों के जरिये ही डीएचएफएल में निवेश किया गया था। अब तक की जांच में पांच फर्मों के पते फर्जी पाए गये हैं। जिसके बाद इस बात की आशंका बढ़ गई है कि कुछ फर्जी फर्मों को धांधली के इरादे से ही बनाया गया था। इसी कड़ी में ईओडब्ल्यू आरोपित सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता के बेटे की भूमिका की भी जांच कर रहा है। वह अब तक ईओडब्ल्यू के सामने नहीं आया है।

ध्यान रहे कि 4122.70 करोड़ के भविष्य निधि घोटाले के मामले में हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई गई है। शासन के निर्देश पर इस मुकदमे की विवेचना ईओडब्ल्यू कर रही है। ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार आरोपित एपी मिश्र, सुधांशु द्विवेदी व पीके गुप्ता को तीन-तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर सिलसिलेवार पूछताछ की थी।

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