मुख्य विकास अधिकारी विवेक त्रिपाठी ने निर्माण एजेंसियों को चेतावनी देते हुए शीघ्र ही अधूरे प्रोजेक्ट को पूर्ण करने को कहा….

सांसद निधि से प्रस्तावित 84 कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हो सके हैं। मुख्य विकास अधिकारी विवेक त्रिपाठी ने निर्माण एजेंसियों को चेतावनी देते हुए शीघ्र ही अधूरे प्रोजेक्ट को पूर्ण करने को कहा है। इसमें पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के 67 और राज्य सभा सांसद जया बच्चन के 17 कार्य शामिल हैं।

लोकसभा चुनाव को संपन्न हुए छह माह से अधिक का समय बीत गया। नियमानुसार पांच वर्ष में प्रस्तावित कार्यों को समय से पूर्ण हो जाना चाहिए। सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के प्रस्तावित सभी कार्य करीब- करीब पूर्ण हो चुके हैं लेकिन अभी भी 67 प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं। बार-बार चेतावनी देने के बाद भी निर्माण एजेंसी की ओर से कार्य पूर्ण नहीं कराया गया। इसी तरह राज्य सभा सांसद जय बच्चन की ओर से प्रस्तावित 17 प्रोजेक्ट अभी तक अधूरे पड़े हैं। मुख्य विकास अधिकारी ने निर्माण एजेंसियों को हिदायत दी है कि समय से निर्माण पूर्ण कराया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

पानी में बह गया 35 लाख

सरकार के धन का किस कदर दुरुपयोग होता है उसका जीता जागता उदाहरण लखनो से कलेक्ट्रेट तक जगह-जगह गिरे स्ट्रीट लाइट के पोल को देखा जा सकता है। यहां यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि दीपक तले अंधेरा। जिलाधिकारी इसी रास्ते से प्रतिदिन गुजरते हैं लेकिन उनकी नजर इस पर नहीं पड़ती है। पूर्व सांसद वीरेंद्र ङ्क्षसह मस्त ने पथ प्रकाश के लिए लोक निर्माण विभाग को निधि से 35 लाख रुपये जारी किए थे। 35 खर्च होने के बाद भी एक वर्ष भी  ठीक से स्ट्रीट लाइट का उपयोग नहीं हो पाया।

सांसद निधि के प्रोजेक्ट पर एक नजर

वित्तीय वर्ष         प्रोजेक्ट

2014-15          13

2015-16          10

2016-17          70

2017-18          42

2018-19         161

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