टाइफायड से निपटने के लिए पाकिस्तान में एक नया टीका किया लॉन्च…..
पाकिस्तान में टाइफाइड की बड़ी तादाद को देखते हुए पाक सरकार सजग हो गई है। टाइफायड से निपटने के लिए पाकिस्तान में एक नया टीका लॉन्च किया गया है। खास बात यह है कि इस वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी हरी झंडी दी है। खास बात यह है कि यह सब कुछ तब हो रहा है जब पाकिस्तान बेहद तंगी से गुजर रहा है। एेसे में पाक सरकार ने अपने नागरिकों के लिए यह टीमा मुहैया कराया है।
सिंध प्रांत में सबसे पहले होगा इस्तेमाल
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में टाइफायड के काफी मामले प्रकाश में आ चुके हैं। वर्ष 2017 में करीब दस हजार लोग इससे पीडि़त हैं। इसके मद्देनजर पहले इसको दो सप्ताह के लिए सिंध प्रांत में इस्तेमाल किया जाएगा। सिंध प्रांत के स्वास्थ्य मंत्री अजरा पेछुहो ने कहा कि शनिवार से यह टाइफायड के खिलाफ यह कैंपेन दो सप्ताह के लिए यह सिंध प्रांत में चलाया जाएगा। सिंध में दो सप्ताह के कैंपने के बाद इस टीके को अगले कुछ सालों में राज्यों में इस्तेमाल किया जाएगा।
पाकिस्तान में 70 फीसद बच्चे टायफाइड से पीडि़त
पाकिस्तान में टाइफायड की स्थित भयावह होती है। पाकिस्तान में 70 फीसद लोग टाइफाइड से पीडि़त हैं। यह स्थिति तब भयावह हो जाती है, जब पाकिस्तान का स्वास्थ्य बजट काफी कम है। इससे इसके निदान के और उसे बड़ी आबादी टायफाइड से पीडि़त है।
विकासशील देशों में है उसका प्रभाव
- टाइफायड यानी आंत्र ज्वर एक खतरनाक रोग है। इसे मियादी बुखार भी कहा जाता है।
- टाइफायड को सामान्यतः एंटीबायोटिक दवाइयों से उपचार किया जा सकता है।
- यह सलमोनेल्ला टायफी (Salmonella typhi) नामक जीवाणु से होता है। सलमोनेल्ला टायफी केवल मानव मात्र में ही पाया जाता है।
- यह किसी संक्रमित व्यक्ति के मल से मलिन हुए जल या खाद्य-पदार्थ के खाने/पीने से होता है।
- टाइफायड से पीड़ित व्यक्ति की रक्त धारा और धमनी मार्ग में जीवाणु प्रवाहित होती हैं।
- दुनियाभर में हर साल टाइफाइड बुखर के लगभग दो करोड़ से अधिक मामले उत्पन्न होते हैं और करीब 220,000 मौंतें हो जाती हैं।
टाइफाइड के लक्षण
- 1- टाइफाइड के बुखार के लक्षणों में हल्के से लेकर गंभीर बुखार देखे जाते हैं और प्राय: जीवाणु के संपर्क मे आने के एक से तीन हफ्तों बाद प्रकट होते हैं।
- 2- पीडि़त को बुखार, सिरदर्द, मिचली, कब्ज या दस्त, भूख की कमी, और शरीर पर गुलाबी रंग के चकत्ते पड़ते हैं।
- 3- टाइफाइड का पता लगाने के लिए कि व्यक्ति के रक्त या मल में सैल्मोनेला टाइफी की जांच की जाती है।