घाटमपुर में बेटी की डोली उठने के लिए मां की अर्थी ने किया इंतजार
बेटी की डोली उठने के लिए मां की अर्थी को करना पड़ा इंतजार। यह खबर जिसने भी सुनी वह भावुक हुए बिना नहीं रह सका। मंगलगीतों की गूंज थम गई और मातम छा गया। मातमी सन्नाटे के बाद वर-वधू के सात फेरे पूरे हुए और वधू की विदाई की गई।
घाटमपुर के गांव मुइया निवासी गोसाईलाल प्रजापति गांव के चौकीदार हैं। उन्होंने पुत्री गायत्री देवी उर्फ मंजू की शादी नर्वल थाना क्षेत्र के गांव तिलसहरी निवासी विश्वनाथ प्रजापति के पुत्र जीत कुमार के साथ तय की थी। शुक्रवार शाम द्वारचार व स्वागत बारात की रस्म के बाद परिजन व बराती चढ़ावा की तैयारी में लगे थे। इसी दौरान गोसाईलाल की 55 वर्षीय पत्नी शांती देवी अचानक अचेत होकर आंगन में मंडप के बगल में गिर पड़ीं। रिश्तेदार महिलाएं जब तक शांती को उठाती उनकी मौत हो चुकी थी।
एक पल में मंगलगीतों के स्वर चीख पुकार में तब्दील हो गए। शादी में कोई अड़चन न आए इसलिए कुछ स्वजन उनका शव उठाकर गांव के किनारे स्थित पशुबाड़ा में ले गए। उन्होंने शांती देवी के बीमार होने और घाटमपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती होने की बात बताकर शादी की रस्में तेजी से अदा करानी शुरू की। अलसुबह मंजू को डोली में बिठा कर विदाई के बाद शांती की अर्थी सजाई गई। परिजनों ने शव को मूसानगर के हलियाघाट ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया।