यहां पानी तो है मगर जीवन की संभावना नहीं, किसी भी प्रकार के सूक्ष्मजीव भी नहीं पनपते

दुनिया भर में अलग-अलग जगहों का तापमान अलग-अलग है। कहीं पर अधिक बर्फबारी है तो कहीं पर सूखा पड़ा हुआ है। कहीं पर पानी की प्रचुर मात्रा तो मौजूद है मगर वहां पर जीवन नहीं है। हम आपको इस खबर के माध्यम से आज ऐसी ही एक जगह के बारे में जानकारी देंगे जहां पर पानी की प्रचुर मात्रा तो मौजूद है मगर वहां पर जीवन नहीं है। ऐसी जगह इथोपिया के दलोल भूतापीय क्षेत्र में स्थित है। यहां पर खारे और अधिक अम्ल वाले तालाब मौजूद हैं। कुछ दिन पहले इस बारे में एक रिसर्च सामने आई है जिसमें ऐसे इलाके का खुलासा किया गया है।

दलोल भूतापीय क्षेत्र 

इस रिसर्च के मुताबिक, सूक्ष्मजीवों में आश्चर्यजनक रूप से पृथ्वी के किसी भी दुष्कर वातावरण को अपनाने की क्षमता होती है, लेकिन दलोल भूतापीय क्षेत्र में इनका रहना भी संभव नहीं है। दलोल का भूदृश्य परेशान करने वाला है जो कि इथोपिया की निचली जगह दनाकिल में मौजूद है। इसका विस्तार ज्वालामुखी के मुहाने तक स्थित है जो कि नमक, हानिकारक गैसों और उबलते पानी से लैस है। सर्दियों में यहां का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो सकता है। यहां तक की पीएच मान भी लगभग नकारात्मक होता है।

विश्लेषण में निकला, सूक्ष्मजीवों का जीवन नहीं 

फ्रेंच-स्पेनिश वैज्ञानिकों की टीम का नेतृत्व कर रहे जीव विज्ञानी लोपेज गर्सिया ने कहा कि कई नमूनों का विश्लेषण करने के बाद हम इस नतीजों पर पहुंचे हैं कि यहां पर सूक्ष्मजीवों का जीवन नहीं है। यहां तक की निकटवर्ती मैग्नेशियम से संपन्न खारे पानी की झील में भी जीवन नहीं है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सूक्ष्मजीव का फैलाव हवा और लोगों के आवागमन से है। कुछ समय पूर्व टीम का लेख नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन में छपा था। उन्होंने कहा कि इस रिसर्च से रहने की पाबंदी को सीमित करने और पृथ्वी और उससे आगे की आकृति और जीवन संबंधी मामलों को जानने में मदद मिलेगी।

धरती से लावा और एसिड बाहर आता रहता है 

स्पैनिस फाउंडेशन फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एफईसीवाईटी) के शोधकर्ताओं ने कहा कि दानाकिल में पृथ्वी की तीन कॉन्टिनेंटल प्लेट आपस में टकराती हैं। इस वजह से यहां धरती से लावा और एसिड भी बाहर आता रहता है। उन्होंने बताया कि यह जगह समुद्र की सतह से करीब 330 फुट नीचे है। कभी- कभार मुश्किल से यहां बरसात होती है, वरना यहां पिघला हुआ लावा अक्सर रिसता रहता है। यहां दो ऐसे ज्वालामुखी हैं जो अक्सर सक्रिय रहते हैं।

यहां पर मौजूद है कई रंगों की झीलें 

खारा पानी जब ज्वालामुखी से निकलने वाले खनिजों और लावा के साथ मिलता है, तो कई तरह के चमकीले रंग पैदा करता है। अम्लीय तालाब में जब सल्फर और नमक एक दूसरे के साथ मिलते हैं तो चमकीला पीला रंग दिखाई देता है। जब ये तांबा नमक के साथ मिलता है तो चमकीला फिरोजी रंग तैयार होता है।

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