अयोध्या के तकपुरा के ईंट-भट्ठा मालिका संदीप वर्मा ने 51 हजार ईंटें दान करने का किया फैसला

अयोध्या में राम मंदिर बनने के सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद एक स्थानीय ईंट भट्ठे के मालिक ने भव्य मंदिर निर्माण के लिए 51 हजार ईंटें दान करने का फैसला कर लिया है। तकपुरा के ईंट-भट्ठा मालिका संदीप वर्मा ने काम भी शुरू हो करा दिया है। यह ईंटें राम नाम लिखी हुई बन रही हैं।

भट्ठा मालिक के मुताबिक, राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद मन में इच्छा जगी कि मेरे भट्ठे की ईंटें भी मंदिर की नींव में लगें। उसी समय 51 हजार राम लिखी ईंटें तैयार कर दान करने का मन बना लिया था। अब राम नाम की ईंटें तैयार हो रही हैं। यह ईंटें मंदिर के नींव में भरने के लिए दान करने के संकल्प के साथ तैयार की जा रही हैं। अब तक चार हजार से ज्यादा ईंट बनकर तैयार भी हो चुकी हैं।

विशेष मिट्टी से तैयार हो रही 51 हजार ईंटें 

विशेष मटियारी मिट्टी से बनी ईंट पाथने के लिए 16 मजदूर लगे हैं। रात-दिन मेहनत करके 51 हजार ईंटों को तैयार की जा रही हैं। भक्त भी राम मंदिर निर्माण के लिए टकटकी लगाकर बैठे हैं।

सदियों पुराने विवाद का हुआ अंत 

अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद पर नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुआई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया। इसके तहत अयोध्या की 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बने और इसकी योजना तैयार की जाए। चीफ जस्टिस ने मस्जिद बनाने के लिए मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन दिए जाने का फैसला सुनाया, जो कि विवादित जमीन की करीब दोगुना है। चीफ जस्टिस ने कहा कि ढहाया गया ढांचा ही भगवान राम का जन्मस्थान है और हिंदुओं की यह आस्था निर्विवादित है। 6 अगस्त से 16 अक्टूबर तक इस मामले पर 40 दिन सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। संविधान पीठ द्वारा शनिवार को 45 मिनट तक पढ़े गए 1045 पन्नों के फैसले ने देश के इतिहास के सबसे अहम और एक सदी से ज्यादा पुराने विवाद का अंत कर दिया।

Related Articles

Back to top button