सावधान हो जाएं, साइबर ठगों ने बदल दिया अपना पैतरा, पढ़े पूरी खबर

सावधान हो जाएं, साइबर ठगों ने अपना पैतरा बदल दिया है, जरा सी चूक से बैंक खातों में मौजूद आपकी मेहनत की कमाई पल भर में निकल सकती है। क्राइम ब्रांच के आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि इस वर्ष साइबर ठगी की वारदातों में तेजी से इजाफा हुआ है और हर दिन करीब तीन लोग शिकार हो रहे हैं। 15 अक्टूबर तक साइबर सेल और विभिन्न थानों में 900 से ज्यादा शिकायतें आई हैं।

नजीर हैं ये दो मामले

केस-1 : नवाबगंज निवासी प्रमोद कुमार 10 अगस्त को ऑनलाइन टिकट बुक करवा रहे थे। तकनीकी समस्या के कारण भुगतान तो हो गया लेकिन टिकट बुक नहीं हुआ तो उन्होंने गूगल से हेल्पलाइन नंबर ढूंढकर फोन किया। फोन उठाने वाले ने भीम एप का चार अंकों का कोड पूछकर खाते से 56,290 रुपये निकाल लिए।

केस-2 : ऊधमसिंह नगर (उत्तराखंड) निवासी सरहिंद सिंह राणा का खाता स्वरूपनगर की बैंक में है। 18 जुलाई को उन्होंने बैंक के कस्टमर केयर पर फोन किया तो दूसरी तरफ मौजूद व्यक्ति ने उन्हें एक ओटीपी भेजा और उसे बताने के लिए कहा। जैसे ही सरङ्क्षहद ने ओटीपी बताया, खाते से 39200 रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा के एक खाते में ट्रांसफर हो गए।

पुराना हो गया फोन कॉल का तरीका

फोन करके लोगों से उनके खाते या एटीएम कार्ड का ब्योरा लेकर और मोबाइल पर ओटीपी भेज उसे पूछकर खातों से रकम उड़ाने के मामलों में कमी आई है। लेकिन ठगों ने अब रकम निकालने के लिए और तरीके इजाद कर लिए हैं। इसमें पेटीएम, भीम एप जैसे माध्यम सबसे ऊपर हैं। अब ठग लोगों का मोबाइल नंबर बंद कराकर सिम को अपने नाम से जारी कराते हैं और आधार नंबर के जरिए रकम दूसरे खातों में ट्रांसफर कर रहे हैं। इस वर्ष ऐसी दो दर्जन से ज्यादा शिकायतें आई हैं। फीलखाना थाने में तीन मुकदमे भी दर्ज कराए गए हैं।

इस तरह भी हो रही ठगी

  • ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों के नाम से गूगल पर फर्जी वेबसाइट बनाकर रजिस्ट्रेशन व खाते का ब्योरा लेकर।ऑनलाइन खरीदे गए माल की डिलीवरी सही न होने पर ग्र्राहकों को रकम लौटाने का झांसा देकर खातों का ब्योरा पूछकर।
  • मोबाइल पर वेबसाइट का लिंक भेजकर उस पर दो या दस रुपये का भुगतान करने के नाम पर खाते का ब्योरा लेकर।
  • गूगल पर कंपनियों के नाम से फर्जी मोबाइल नंबर डालकर और कॉल करने पर खाते का ब्योरा पूछकर।
  • एटीएम पर कार्ड की क्लोनिंग करने वाली स्किमर डिवाइस और कैमरे लगाकर।
  • ओएलएक्स जैसी विज्ञापन वेबसाइटों पर बाइक, कार आदि बेचने का फर्जी विज्ञापन देकर।
  • फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर और फ्रेंड लिस्ट में शामिल लोगों को जोड़ उनसे अपनी मजबूरी बताकर रकम मंगाना।
  • मोबाइल कंपनियों के सिमकार्ड बेचने वालों से आधार व फिंगरप्रिंट लेकर एप के जरिए रकम ट्रांसफर करके।

भूलकर कभी यह न करें

  • एटीएम पर पैसे निकालने जाएं तो किसी को भी आसपास खड़े न होने दें।
  • मशीन में कार्ड स्वाइप करने से पहले स्वाइप ट्रे को देखें कि कहीं उसमें ऊपर से स्किमर डिवाइस तो नहीं लगी।
  • पिन नंबर डालते वक्त एक हाथ से नंबर की को ढक लें।
  • किसी अंजान व्यक्ति से मदद न लें, जरूरत पड़े तो एटीएम के गार्ड की मदद लें।
  • अपनी फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया आइडी को लगातार चेक व अपडेट करते रहें।
  • खातों से लिंक किया गया आपका मोबाइल नंबर अगर अचानक बंद हो जाए तो तुरंत बैंक में संपर्क करें।
  • किसी को भी आधार व फिंगरप्रिंट न दें। आधार की कॉपी दें तो उस पर प्रयोजन लिख दें।
  • ऑनलाइन शॉपिंग करते समय केवल सिक्योर वेबसाइट (एचटीटीपीएस) पर ही सर्च करें।
  • मोबाइल फोन या ईमेल पर आए किसी भी अन्जान लिंक पर क्लिक न करें।
  • शॉपिंग कंपनी के कस्टमर केयर में बात करनी हो तो ट्रू कॉलर एप पर देखें कि नंबर के नीचे स्पैम लिखा तो नहीं है।
  • किसी को भी अपने खाते, डेबिट, क्रेडिट कार्ड का ब्योरा, पिन नंबर या कार्ड के पीछे लिखा सीवीवी कोड न बताएं।
  • सोशल मीडिया वेबसाइटों पर भी अपने खाते या परिवार की पर्सनल डिटेल न रखें।

शिकार होने पर यहां दे सूचना

साइबर सेल प्रभारी लान सिंह का कहना है कि साइबर ठगी की हर दिन दो से तीन शिकायतें मिल रही हैं। इंटरनेट और ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल कर रहे लोगों को काफी सचेत रहने की जरूरत है। किसी को भी अपने खाते की जानकारी न दें। घटना होने पर तुरंत 112 नंबर, संबंधित थाने, साइबर सेल और नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं।

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