आप ने किया दावा- गिरेगी अमरिंदर सरकार, 40 कांग्रेस विधायक संपर्क में
आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार खतरे में है। यह सरकार जल्द गिर सकती है। आप के वरिष्ठ नेता अमन अरोड़ा ने कहा है कि कांग्रेस के 40 विधायक आप के संपर्क में हैं और वे पार्टी के साथ मिलकर नई सरकार बना सकते हैं। इस बारे में चर्चा चल रही है।
सुनाम (संगरूर) से आप विधायक अमन अरोड़ा ने यहां कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह सरकार गिर सकती है। कांग्रेस के 40 नाराज विधायक आम आदमी पार्टी के संपर्क में हैैं। आप ने कैप्टन सरकार से नाराज इन विधायकों को अपने साथ मिलकर नई सरकार के गठन का न्योता दिया है। नाराज विधायक आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर पंजाब में माफियाओं से मुक्त और भ्रष्टाचार रहित सरकार बना सकते हैं।
अमन अरोड़ा ने इस संबंध में मदन लाल जलालपुर, हरदयाल सिंह कंबोज, राजिंदर सिंह व निर्मल सिंह शुतराणा जैसे नाराज कांग्रेस विधायकों का हवाला दिया। अरोड़ा ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की बेरुखी से नाराज लगभग 40 कांग्रेस विधायकों ने उनसे संपर्क किया है।
अरोड़ा ने कहा कि इन विधायकों ने इस बात को माना है कि पंजाब में माफिया राज सिर चढ़कर बोल रहा है। आप के 19 और कांग्रेस के 40 विधायकों के अलावा कांग्रेस से दरकिनार चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू अगर मिल जाएं तो नई सरकार बन सकती है। उल्लेखनीय है कि पंजाब में कुल 117 विधायक हैैं।
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नाराजगी मिटाने के लिए अफसरशाही से रखी बैठक का चारों विधायकों ने किया बायकॉट
पटियाला। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के घर यानि गृह जिले पटियाला के चारों विधायकों की नाराजगी दूर करने के लिए अधिकारियों के साथ शनिवार को होने वाली बैठक रद हो गई। माना जा रहा है कि चारों विधायकों ने मीटिंग का बायकॉट किया था, लेकिन कोई भी विधायक बैठक के संबंध में कुछ भी कहने से बच रहा है। सभी बैठक में न जाने का कारण अपने हलके के किसी जरूरी काम में व्यस्त होना बता रहे हैं। जिला प्रशासनिक अधिकारियों ने भी बैठक रद होने का कारण ‘निवेशक सम्मेलन’ के प्रोजेक्ट में व्यस्त होना बताया है।
डीसी कुमार अमित का कहना है कि अधिकारी पंजाब सरकार के निवेशक सम्मेलन की तैयारियों में व्यस्त थे। इसी कारण बैठक नहीं हो पाई। उधर, नगर निगम में जिला प्रशासन की तरफ से आयोजित लोन मेले के दौरान होने वाली बैठक में भी समाना के विधायक काका राजिंदर सिंह व शुतराणा के विधायक निर्मल सिंह नहीं पहुंचे। हालांकि उनके नाम की नेम प्लेट लगी थी। कार्यक्रम में मुख्य मेहमान सांसद परनीत कौर थीं। उनके साथ कैबिनेट मंत्री साधु ङ्क्षसह धर्मसोत भी पहुंचे थे।
सूत्रों का कहना है कि जिला प्रशासन व सांसद परनीत कौर को इसी बैठक से अंदाजा हो गया था विधायक अभी भी नाराज हैं और वे मिनी सचिवालय में शाम 3.30 बजे रखी बैठक में भी नहीं आएंगे। इसके बाद फैसला कर दूसरी बैठक को रद कर दिया गया।
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‘परनीत कौर को ही नहीं आना था, जो हम बैठक में आकर क्या करते’
बैठक में शामिल नहीं होने पर विधायक निर्मल सिंह शुतराणा से बात की तो उन्होंने कहा कि दूसरे विधायक बैठक में गए होंगे, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। वह तो अपने हलके के किसी विवाह समागम में व्यस्त थे। शाम की बैठक को लेकर बोले कि जब सांसद परनीत कौर को ही मीटिंग में नहीं आना था तो वे आकर क्या करते। अगर मुख्यमंत्री खुद बैठक के लिए कोई बुलावा भेजेंगे तो चले जाएंगे।
हलके के किसी काम में व्यस्त था : जलालपुर
बैठक में शामिल नहीं होने के सवाल पर घनौर के विधायक मदनलाल जलालपुर ने कहा कि वह अपने हलके के किसी काम में व्यस्त थे। हलका शुतराणा के विधायक द्वारा 1 जनवरी को सीएम आवास के आगे धरने पर बैठने के मामले पर कहा कि वह निर्मल सिंह के साथ हैं। वह खुद उनके साथ धरने पर बैठेंगे।
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परिवार में रूठना-मनाना चलता रहता है
विधायकों की नाराजगी पर मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने कहा कि कांग्रेसी पार्टी बहुत बड़ा परिवार है। इसमें रूठना व मनाना चलता रहता है। कुर्सियों पर लगे स्टीकर हटाने के सवाल पर बोले कि विधायकों के नहीं आने का कारण उनका किसी और जगह व्यस्त होना हो सकता है।