कंगाल पाकिस्तान को बड़ी राहत, अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए मिला ADB का सहारा
कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान को अब एशियाई विकास बैंक (एडीबी) का सहारा मिला है। एडीबी ने पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उबरने के लिए एक अरब डॉलर (करीब 7,100 करोड़ रुपये) का आपात कर्ज देने पर शुक्रवार को अपनी मुहर लगा दी।
पाकिस्तान को इससे पहले चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे अपने मित्र देशों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) से भी कर्ज मिल चुका है। एडीबी के अनुसार, ‘यह कर्ज पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए आइएमएफ के आर्थिक सुधार कार्यक्रम का हिस्सा है।
पाकिस्तान सरकार द्वारा आइएमएफ समर्थित सुधारों को लागू किए जाने के बाद कर्ज मंजूर किया गया। पाकिस्तान कमजोर विकास दर के साथ ही भुगतान में भारी अंतर और निम्न विदेशी मुद्रा भंडार के कारण गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है।’ एडीबी में मध्य और पश्चिम एशियाई मामलों के महानिदेशक वार्नर लीपेच ने कहा कि इस धनराशि से पाकिस्तान की सरकार को प्रतिकूल सामाजिक और आर्थिक प्रभावों को रोकने के लिए जरूरी आपात पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी।
आइएमएफ से मिला छह अरब डॉलर कर्ज
पाकिस्तान को आइएमएफ ने इस साल जुलाई में छह अरब डॉलर (करीब 42 हजार करोड़ रुपये) का कर्ज मंजूर किया था। इसके अलावा पाकिस्तान को चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से भी अरबों रुपये का आर्थिक पैकेज मिल चुका है।
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। अमेरिका के बाद ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान की आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है। बता दें कि पाकिस्तान एशिया के सबसे गरीब देशों में से एक है। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक में 178 देशों की लिस्ट में 150वें स्थान पर है। यह सूचकांक स्वास्थ्य, शिक्षा और आय के आधार पर तय किया जाता है। आॅस्ट्रेलिया के इस ऐलान के बाद पाकिस्तान की मुश्किलें बड़ी हो गई है। उब उसके समक्ष सवाल यह है कि अब पाकिस्तान अपनी आर्थिक तंगी से कैसे निपटेगा।
अमेरिका ने भी हाथ खींचा, 44 करोड़ डॉलर की नकदी सहायता रोकी
इस वर्ष अगस्त माह में पाकिस्तान का एक बड़ा झटका तब लगा था, जब अमेरिका ने 44 करोड़ डॉलर की नकद सहायता में कटोती की थी। इसके बाद अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा पाकिस्तान से कहा था कि हम कई सालो से पाकिस्तान को 130 करोड़ डॉलर देते रहे, लेकिन समस्या यह है कि पाकिस्तान हमारे लिए कुछ नहीं कर रहा था। बता दें कि अमेरिका पाकिस्तान एनहेंस्ड पार्टनरशिप एग्रीमेंट (पीईपीए) 2010 के अंतर्गत यह मदद उसे प्रदान करता है। यह समझौता 2010 को हुआ था। इसके बाद पाकिस्तान की माली हालत और खराब हो गई। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंध होते गए।
मोरिसन सरकार ने पाक के खिलाफ उठाया ये कदम
ऑस्ट्रेलिया की मोरिसन सरकार ने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद को रोकने का एेलान किया है। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया पाकिस्तान की गरीब महिलाआें एवं लड़कियों की मदद के लिए वित्तीय मदद मुहैया कराता था। पाकिस्तान के वित्तीय मदद कार्यक्रम को लेकर आई परफॉर्मेंस रिपोर्ट में कहा गया है, ऑस्ट्रेलिया द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली फंडिंग अब प्रशांत क्षेत्र में नए प्रोजेक्ट पर खर्च की जाएगी। 2018-19 में पाकिस्तान को दी जाने वाली 3.9 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद 2019-20 में 1.9 करोड़ डॉलर कर दी गई और 2020-21 में इसे पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा।