हिंदुस्तान पेट्रोलियम कंपनी के गैस उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। अब उपभोक्ताओं को रसोई गैस लेने के लिए एजेंसियों के चक्कर काटने नहीं पड़ेंगे। साथ ही नगद भुगतान की समस्या से भी निजात मिलेगी। जल्द ही उपभोक्ता के घर सिलिंडर पहुंचाने की प्रक्रिया में ईजी गैस कार्ड का इस्तेमाल होगा। एचपी ने दून में इसकी शुरुआत कर दी है।
बृहस्पतिवार को जीएमएस रोड स्थित एक होटल में हिंदुस्तान पेट्रोलियम की ओर से बैठक आयोजित की गई। बैठक में ईजी कार्ड कंपनी के चंदन झा और मौसंबी स्वैप मशीन कंपनी के सर्वर चौधरी ने गैस एजेंसी संचालकों को ईजी कार्ड के संचालन की ट्रेनिंग दी।
उन्होंने कहा कि कंपनी का उद्देश्य है कि उपभोक्ताओं को गैस डिलिवरी के समय एक रुपया भी ज्यादा भुगतान नहीं करना पड़े। इसलिए कार्ड सिस्टम लागू किया जा रहा है।
कर्मचारी का मोबाइल जीपीएस से कनेक्ट होगा
इस मौके पर 18 गैस एजेंसियों के संचालक मौजूद रहे। वहीं एचपी के एरिया मैनेजर अमित कुमार ने बताया कि उपभोक्ताओं की शिकायतें मिलती हैं कि बुकिंग के बावजूद सिलिंडर नहीं मिला लेकिन ईजी गैस कार्ड से यह समस्या खत्म हो जाएगी। कर्मचारी का मोबाइल जीपीएस से कनेक्ट होगा। इससे यह पता चल सकेगा कि उसने सिलिंडर की आपूर्ति कब और कहां की।
बुकिंग के कई दिन बाद भी नहीं मिलती गैस
अभी तक गैस एजेंसियों पर पासबुक का प्रयोग होता है। इस पर भी गैस सिलिंडर की संख्या दर्ज होती है। बुकिंग करने के बाद भी कई दिन तक गैस उपभोक्ताओं को नहीं मिलती है लेकिन अब बुकिंग को आसान करने के लिए ईजी गैस कार्ड की शुरुआत हो रही है।
ऐसे मिलेगा कार्ड का फायदा
इस कार्ड के लिए उपभोक्ताओं को 30 रुपये का भुगतान करना होगा। इस पर 16 अंकों की संख्या दर्ज रहेगी। यह कार्ड उपभोक्ता के बैंक खाते और आधार कार्ड से भी लिंक होगा। इसकी मदद से आप ऑनलाइन भुगतान भी कर सकेंगे। इस पूरी प्रक्रिया पर निगरानी रखने के लिए कंपनी ने सॉफ्टवेयर बनवाया है।
ऐसे काम करेगा कार्ड
ईजी गैस कार्ड से बुकिंग होने के बाद एजेंसी का कर्मचारी सिलिंडर लेकर उपभोक्ता के घर पहुंचेगा। कर्मचारी के पास स्मार्टफोन होगा, जो स्वैप मशीन से जुड़ा होगा। उपभोक्ता नकदी के अलावा डेबिट और क्रेडिट कार्ड से गैस का भुगतान कर सकेगा। इसके बाद डीलर के फोन पर एक मैसेज आएगा। जिसमें यह दर्ज होगा कि किस इलाके में किस उपभोक्ता को सिलिंडर की डिलीवरी की गई है।