अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में इजरायल को खींचे जाने पर अमेरिका ने मजबूती से किया विरोध
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में इजरायल को खींचे जाने पर अमेरिका ने मजबूती से विरोध किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि गाजा संघर्ष को लेकर मामला अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय International Criminal Court में ले जाना एकपक्षीय घटना है। इजरायल मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों को घरेलू स्तर पर निपटा सकता है।
फिलिस्तीनी क्षेत्रों में इजरायली हवाई हमले को अपराध मानना और उसकी जांच करने के लिए अदालत के मुख्य अभियोजक के कदम को वाशिंगटन ने गंभीर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह युद्ध नहीं है, अपराध नहीं है, बलिक् फिलिस्तीनी क्षेत्रों में आतंकवादियों के खिलाफ की गई एक कार्रवाई है। उन्होंने कहा कि यह जांच इजरायल के साथ अन्याय है। इज़राइल को गलत तरीके से लक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। हम दृढ़ता से किसी तरह की जांच की प्रक्रिया की निंदा करते हैं।
गाजा पट्टी सबसे विवादास्पद क्षेत्रों में से एक
मध्यपूर्व में गाजा पट्टी सबसे विवादास्पद क्षेत्रों में से एक है। गाजा पट्टी बारुदी सुरंग पर बैठा हुआ है। इसको लेकर पिछले 70 सालों से विवाद चल रहा है। गाजा पट्टी एक फिलिस्तीनी क्षेत्र है। यह मिस्त्र और इजरायल के मध्य भूमध्यसागरीय तट पर स्थित है। यानी इसके एक ओर भूमध्य सागर है तो दूसरी ओर इजरायल तथा एक हिस्सा मिस्र को भी छूता है। यह मात्र 40 किमी लंबी और 10 किमी चौड़ी पट्टी है। इसका कुल क्षेत्र 235 वर्ग किलोमीटर है। फिलिस्तीन अरबी और बहुसंख्य मुस्लिम बहुल इलाका है, जहां की आबादी करीब 20 लाख है। इस पर इजरायल विरोधी आतंकी संगठन हमास द्वारा शासन किया जाता है।
जहां फिलिस्तीन और कई दूसरे मुसलमान देश इजराइल को यहूदी राज्य के रूप में मानने से इनकार करते हैं। 1947 के बाद जब संयुक्त राष्ट्र (UN) ने फिलिस्तीन को यहूदी और अरब राज्य में बांट दिया था, जिसके बाद से फिलिस्तीन और इजराइल के बीच संघर्ष जारी है। इसमें सबसे अहम मुद्दा इजराइल को राज्य के रूप में स्वीकार करने का है तो दूसरा गाजा पट्टी का है जो इजराइल की स्थापना के समय से ही इजरायल और दूसरे अरब देशों के बीच संघर्ष का कारण साबित हुआ है।