स्टाइलिश और ग्लैमरस लुक देते है सनग्लास, खरीदते समय इन बातों का रखे ध्यान
पहले सनग्लास धूप से बचने के लिए प्रयोग होते थे। अब ये स्टाइल दिखाने के काम आने लगे हैं। इन का साइज तो बड़ा हुआ ही है, इन के फ्रेम भी स्टाइल सिंबल बन गए हैं। ऐसे में ये धूप से बचने के लिए कम और स्टाइल दिखाने के लिए ज्यादा प्रयोग किए जा रहे हैं। यह बात और है कि सनग्लासेज स्टाइल के साथ-साथ आंखों की सुरक्षा के लिए भी बहुत काम आते हैं। इतने चश्मे होते हुए भी हममें से कई ये नहीं जान पाते कि इनमें बेस्ट क्या है तो आइए जानते हैं सनग्लास खरीदते समय किन बातो का रखे ध्यान…
आंखों पर पड़ने वाले प्रभाव
सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणें आखों की रेटिना पर सीधा प्रभाव डालती हैं। धूल, मिट्टी, हवा में मौजूद दूसरे बैक्टीरिया और वायरस आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं। चश्मा आंखों पर सुरक्षा कवच का काम करता है। इसलिए हमेशा सही क्वालिटी का चश्मा लगा ही खरीदे।
सही लैंस का चुनाव
धूप से आंखों को बचाने वाले चश्मे कई तरह के फ्रेमों और रंगों में मिलते हैं। धूप के चश्मे के लिए बहुत गहरे और हलके रंग वाले लैंस सही नहीं होते हैं, अगर लैंस का रंग गहरा है तो बाहर देखने के लिए आंखों को बहुत मेहनत करनी पड़ती है, इसी तरह हलके रंग में रोशनी से आंखों का बचाव सही तरह से नहीं हो पाता है, लैंसों के रंग का चुनाव सही हो ताकि आंखों का धूप से बचाव हो सके और देखने में भी कोई परेशानी न हो
सही फ्रेम का चुनाव
जिन चश्मों की फ्रेमिंग एक तरह की न हो कर ऊंचीनीची होती है वे आंखों के लिए सही नहीं होते हैं। अच्छे ब्रैंड का चश्मा संतुलित होता है। आंखों पर उस की पकड़ भी सही होती है। आंखों को ठीक तरह से ढकने वाले चश्मे ही सही रहते हैं। इस तरह के चश्मे तेज धूप और धूलमिट्टी से आंखों का बचाव करते हैं।
फैशन के लिए सनग्लासेस
यदि फैशन के लिए चश्मा पहनना है तो उस का चुनाव भी सही तरह से करना चाहिए। अच्छे ब्रैंड के सही डिजाइनों वाले चश्मे ही खरीदने चाहिए। ये आंखों की सुरक्षा का खयाल कर के ही बनाए जाते हैं। इन में प्रयोग होने वाले लैंस और फ्रेम की क्वालिटी अच्छी होती है। ये आंखों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
फोटोक्रोमैटिक लैंसों वाले चश्मे
अगर आंखों में किसी तरह का कोई दोष नहीं है तो धूप में निकलते समय केवल धूप वाले चश्मे का ही प्रयोग करें। अगर आप की नजर कमजोर है तो फोटोक्रोमैटिक लैंसों वाले चश्मे का ही प्रयोग करें। शीशे वाले लैंसों की जगह अब प्लास्टिक लैंसों का प्रयोग होने लगा है