चीन अब इस्लामिक धर्म शास्त्रों में करेगा बदलाव, मुस्लिमों को दबाना चाह रहा पाकिस्तान का दोस्त!
पाकिस्तान का दोस्त चीन हमेशा से शांति बनाए रखने की अपील करता रहता है, लेकिन अब वह अपने राज में मुस्लिमों के धार्मिक पन्नों में भी बदलाव चाहता है। चीन की सरकार नहीं चाहती कि कोई भी धर्म उसके आड़े आए, जिससे वह कमजोर हो या अपनी मनमानी ना चला सके। चीन में हमेशा से उईगर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार जगजाहिर हैं। उनको अब एक और झटका देते हुए चीन ने फैसला लिया है कि वह अब इस्लाम सहित कई उन धर्म ग्रंथों को अपने हिसाब से लिखेगा जो सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के विश्वासों के खिलाफ जाते हों।
Dailymail की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार, नए संस्करणों में कम्युनिस्ट पार्टी की मान्यताओं के खिलाफ जाने वाली कोई भी सामग्री नहीं होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सेंसर द्वारा गलत समझे जाने वाले पैराग्राफ में संशोधन या फिर से अनुवाद किया जाएगा। हालांकि, पार्टी के दस्तावेज में किसी धर्म ग्रंथ के नाम का उल्लेख नहीं है लेकिन समझा जाता है कि इस्लाम और ईसाई धर्म को मानने वालों के धार्मिक ग्रंथों के व्यापक मूल्यांकन की तैयारी चल रही है। इसके तहत धर्म ग्रंथों के उन हिस्सों को हटाया जाएगा जो चीनी सरकार के सिद्धांतों और उनकी नीतियों के अनुरूप नहीं हैं।
इसका आदेश नवंबर में नेशनल कमेटी ऑफ द चाइना पॉलिटिकल कंसलटेटिव कॉन्फ्रेंस की जातीय और धार्मिक समिति की एक बैठक में पास किया गया था। यह समिति चीन में जातीय और धार्मिक मामलों पर नजर रखती है। बैठक की देखरेख चीनी जन राजनीतिक परामर्श सम्मेलन के अध्यक्ष वांग यांग ने की। वांग ने जोर देकर कहा कि धार्मिक अधिकारियों को राष्ट्रपति शी के निर्देशों का पालन करना चाहिए। फ्रांसीसी अखबार Le Figaro की रिपोर्ट में यह बात सामने आई। बताया गया कि वांग ने अधिकारियों से ‘चीनी विशेषताओं के साथ एक धार्मिक प्रणाली’ बनाने का आग्रह किया।
पाकिस्तान क्या करेगा?
अब यहां सवाल यह उठता है कि पूरी दुनिया में अपने आप को मुसलमानों का रक्षक बताने वाला पाकिस्तान क्या अब अपने दोस्त चीन से इसके मद्देनजर ऐतराज जता पाएगा? बता दें कि कश्मीर मुद्दे पर मुसलमानों की दुहाई देने वाले पाकिस्तान के पीएम इमरान खान चीन के उइगर मुस्लिमों के बारे में जान कर भी अंजान बने हुए हैं। संयुक्त राष्ट में भी पाकिस्तान पर चीन में हो रहे उइगर मुस्लिमों पर अत्याचारों पर सवाल किया जा चुका है। हालांकि, उन्होंने इस पर चुप्पी साधी हुई है।
उइगर मुस्लिमों के लिए बढ़ती जा रही मुश्किलें
बता दें कि चीन के शिनजियांग प्रांत में लगातार मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार की बातें सामने आती रही हैं। कई मुस्लिम नागरिकों को हिंसा के जरिए जबरन परिवारों दूर डिटेंशन कैंपों में भेज दिया गया है। मानवाधिकार संगठनों का दावा है कि शिनजियांग प्रांत में लाखों मुसलमानों को हाई-सिक्योरिटी वाले हिरासत केंद्रों में नजरबंद किया गया है। जबकि चीन सरकार लगातार यह कहती रही है कि इन शिविरों में शिक्षा और प्रशिक्षण मुहैया कराया जाता है और यह स्वैच्छिक है। लेकिन आधिकारिक दस्तावेज बताते हैं कि किस तरह उन्हें जेलों में बंद रखा जाता है, सजा दी जाती है और जबरदस्ती खास तरह के विचार सिखाए जाते हैं। यहां दस लाख लोगों को अवैध हिरासत में रखा है। ये मुस्लिम उइगर हैं।