अब घुटना प्रत्यारोपण के लिए नहीं करना पड़ेगा निजी अस्पतालों का रुख….
अब घुटना प्रत्यारोपण के लिए निजी अस्पतालों का रुख नहीं करना पड़ेगा। जिला अस्पताल हरिद्वार में ज्वालापुर के पांडेवाला गुघाल रोड निवासी 60 वर्षीया महिला कमलेश का घुटना आर्थो सर्जन डॉ. शिवम पाठक ने प्रत्यारोपित किया।
जिला अस्पताल के प्रभारी प्रमुख अधीक्षक डॉ. राजेश गुप्ता और डॉ. शिवम पाठक ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि प्रदेश के किसी सरकारी अस्पताल में पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण का यह पहला मामला है। अब तक हल्द्वानी और देहरादून के निजी अस्पतालों में ही यह सुविधा थी। राजकीय मेला अस्पताल में आठ जनवरी को ऑपरेशन किया गया।
आर्थो सर्जन डॉ. शिवम पाठक ने महिला कमलेश को वाकर के सहयोग से चलाया। संक्रमण से बचाने के लिए महिला को अलग वार्ड में रखा गया है। सरकारी अस्पताल में 80 हजार रुपये ऑपरेशन का खर्च आया। हालांकि, आयुष्मान कार्डधारक होने के चलते मरीज का ऑपरेशन निश्शुल्क हुआ है। ऑपरेशन के लिए दिल्ली से उपकरण मंगाए गए थे।
अटल आयुष्मान योजना बनी वरदान
महिला कमलेश के पति सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वह मजदूरी करते हैं। उनका एक बेटा और बेटी है। निजी अस्पताल में इलाज कराना उनके लिए मुश्किल था। उन्होंने बताया कि अटल आयुष्मान योजना उनके लिए वरदान साबित हुई।
श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में स्वाइन फ्लू की जांच रिपोर्ट छह घंटे में
श्री महंत इंदिरेश अस्पताल प्रबंधन ने 12 बेड का वार्ड स्वाइन फ्लू रोगियों के लिए आरक्षित किया है। हाल ही में देहरादून में स्वाइन फ्लू के संदिग्ध और पॉजीटिव मामले प्रकाश में आए हैं। इसके बाद इस बात की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है कि राज्य में स्वाइन फ्लू के और भी मामले निकट भविष्य में सामने आ सकते हैं।
चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में डॉ. विनय राय ने कहा कि श्री महंत इंदिरेश अस्पताल, श्री गुरुराम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज के अंतर्गत संचालित मॉलीक्यूलर लैब में स्वाइन फ्लू सैंपल परीक्षण लैब है। ऐसे मरीज जिनमें स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखाई दें, वह अस्पताल में डॉक्टरों से संपर्क कर सकते हैं। अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा सैंपल लेकर परीक्षण के लिए लैब में भेजा जाएगा।