हर सीएचसी पर दस नेक इंसानों की बनेगी टीम, प्लान से पीएचसी बाहर ट्रॉमा सेंटर होंगे अपग्रेड…
दुर्घटना में घायलों को समय पर मुकम्मल इलाज मिल सकेगा। इसके लिए हाईवे किनारे सीएचसी अपग्रेड होंगी। इन पर 24 घंटे ट्रॉमा केयर की सुविधा होगी। साथ ही हायर सेंटर रेफर के लिए एंबुलेंस भी मुस्तैद रहेंगी।
सरकार दुर्घटना में असमय होने वाली मौतों पर गंभीर है। लिहाजा, घायलों को गोल्डेन ऑवर में ट्रीटमेंट मुहैया कराने का फैसला किया है। ऐसे में गत वर्ष हाईवे किनारे पीएचसी, सीएचसी के चयन पर मंथन चला। मगर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पर ट्रॉमा केयर उपलब्ध करा पाना चुनौती लगा। ऐसे में नेशनल व स्टेट हाइवे किनारे 301 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर ट्रॉमा केयर उपलब्ध कराने की लिस्ट फाइनल की गई।
लखनऊ की पांच सीएचसी शामिल
राज्य में 174 सरकारी अस्पताल हैं। वहीं 843 सीएचसी व 3621 पीएचसी हैं। वहीं ट्रॉमा केयर को लेकर लखनऊ की पांच सीएचसी का चयन किया गया। यह इटौंजा, मोहनलालगंज, गोसाईगंज, चिनहट, सरोजनीनगर, बीकेटी हैं। वहीं उन्नाव की नवाबगंज, सीतापुर की सिधौली, खैराबाद व महोली हैं। ऐसे ही हाईवे की एक से पांच किमी की दायरे में स्थित सीएचसी का चयन किया गया है।
ट्रॉमा केयर पॉलिसी बनेगी
शासन ने ट्रॉमा केयर पॉलिसी बनाने का निर्देश दिया गया। साथ ही 45 जनपदों के 47 ट्रॉमा सेंटर भी अपग्रेड होंगे। सीएचसी में आवश्यक उपकरण प्रदान किए जाएंगे। साथ ही डॉक्टर को भी ट्रॉमा केयर का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
15 मिनट में अस्पताल पहुंचेगा घायल
घटनास्थल से घायल को 15 मिनट में अस्पताल पहुंचाने का प्लान तैयार किया गया है। इसके लिए 108 से स्टेट व एनएचआइ की एंबुलेंस कनेक्ट की जाएंगी। वहीं सीएचसी पर ट्रॉमा केयर के बाद हायर सेंटर रेफर करने के लिए भी स्वास्थ्य केंद्र पर एंबुलेंस तैनात रहेंगी।
प्रोत्साहन राशि जल्द होगी तय
हर सीएचसी के दायरे में 10 सदस्यीय नेक इंसानों की टीम बनेगी। इन्हें ‘गुड सेमेरिटन’ कहा जाएगा। घटना स्थल से अपने वाहन या अन्य मदद से घायल को अस्पताल पहुंचाने पर इन्हें प्रोत्साहन राशि मिलेगी। वहीं मदद करने वालों से पुलिस पूछताछ नहीं करेगी। साथ ही रोड साइड ढाबा वाले भी कनेक्ट किए जाएंगे,जो दुर्घटना होने पर नेक इंसान या एंबुलेंस को कॉल कर सकेंगे।
बैठक 21 जनवरी को
ट्रॉमा केयर पर 21 जनवरी को बैठक प्रस्तावित है। इसमें परिवहन विभाग, यूपीडा, एनएचआइ, यूपीएसएचए, एंबुलेंस संचालन कंपनी जीवीकेईएमआरआइ व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। डीजी हेल्थ डॉ. ज्ञान प्रकाश ने बताया किसीएचसी पर ट्रॉमा केयर उपलब्ध कराने के लिए विचार चल रहा है। अभी शासन स्तर पर फैसला होना है। अनुमति मिलने पर सेवाएं अपग्रेड करने काम शुरू कर दिया जाएगा।