छात्रवृत्ति घोटाले में ज्वालापुर कोतवाली की एक पुलिस टीम ने इंस्टीट्यूट संचालक को किया गिरफ्तार
छात्रवृत्ति घोटाले में ज्वालापुर कोतवाली की एक पुलिस टीम ने इंस्टीट्यूट संचालक को गिरफ्तार किया है। वह मेरठ का निवासी है। उस पर 60 छात्रों की करीब 15.41 लाख रुपये की छात्रवृत्ति हड़पने का आरोप है। छात्रवृत्ति मामले में अब तक 24 के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है, जबकि 20 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
एसआइटी की तरफ से पिछले दिनों अलग-अलग संस्थानों के खिलाफ जिले के अलग-अलग थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराए गए थे। इनमें एक मुकदमा ज्वालापुर की विवेक विहार कॉलोनी स्थित यूआइएमटी कोचिंग इंस्टीट्यूट के खिलाफ दर्ज कराया गया था।
इस मामले की जांच ज्वालापुर कोतवाली के एसएसआइ विकास भारद्वाज ने की। मामले की छानबीन में पता चला कि संस्थान ने 60 छात्रों की छात्रवृत्ति का गबन किया है। यह रकम 15. 41 लाख रुपये बताई गई है। एसएसआइ विकास भारद्वाज के नेतृत्व में एक पुलिस टीम ने इंस्टीट्यूट के प्रबंधक और संचालक अमित कुमार निवासी पुरानी मोहनपुरी, सिविल लाइन मेरठ हाल निवासी विवेक विहार ज्वालापुर को गिरफ्तार कर लिया।
टीम में कांस्टेबल हेमंत और चंद्रभान भी शामिल रहे। ज्वालापुर कोतवाल योगेश सिंह देव ने बताया कि छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपित इंस्टीट्यूट संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में और किन लोगों की संलिप्तता है, इस बारे में जांच की जा रही है।
चेक बाउंस में सजा और जुर्माना
चेक बाउंस मामले में देहरादून स्थित अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने आरोपित को दो माह का साधारण कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा न करने पर आरोपित को 10 दिन का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना पड़ेगा। लाखी सिंह असवाल निवासी शिवालिक व्यू लेन नंबर 1 जोगीवाला ने राहुल मणि पर आरोप लगाया था कि राहुल मणि ने कैफे खोलने के लिए 40 लाख रुपये लिए थे, जिसके बदले में उसने जो चेक दिए थे। सभी चेक बैंक में बाउंस हो गए।