केरल में कोरोना वायरस से प्रभावित एक शख्स को अलग वॉर्ड में किया शिफ्ट…
Coronavirus in Kerala: केरल में कोरोना वायरस से प्रभावित एक शख्स को त्रिशूर जनरल हॉस्पिटल से त्रिशूर मेडिकल कॉलेज के अलग वॉर्ड में शिफ्ट किया गया।
भारत में कोरोना वायरस की दस्तक
प्राणघातक कोरोना वायरस ने भारत में दस्तक दे दी है। केरल के त्रिशूर जिले में कोरोना वायरस का पहला पॉजिटिव केस मिला है। हाल ही में वुहान से लौटे एक छात्र को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है, उसे सरकारी अस्पताल में बने विशेष वार्ड में रखा गया है और आगे की जांच की जा रही है। वहीं, चीन के हुबेई प्रांत से भारतीयों को स्वदेश लाने का काम शुक्रवार को शुरू हो जाएगा। भारतीयों को निकालने संबंधी प्रस्ताव को चीन से जल्द मंजूरी मिलने के आसार हैं। हुबेई प्रांत में कम से कम 600 भारतीयों के होने की खबर है और विदेश मंत्रलय इन सभी से संपर्क करने की कोशिश में है। जो भी भारत आना चाहता है उसे फिलहाल स्वदेश लाया जाएगा। सबसे पहले हुबेई की राजधानी वुहान और इसके आस-पास के इलाकों से भारतीयों को निकाला जाएगा। इनमें से ज्यादातर छात्र हैं जो वहां फंसे हुए हैं।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने बताया कि वुहान में पढ़ने वाले छात्र के खून के सैंपल को पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान जांच के लिए भेजा गया था, नतीजा पॉजिटिव आया है। उन्होंने बताया कि पीड़ित वुहान में मेडिकल का छात्र है और उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। हालांकि, अभी एक और जांच रिपोर्ट का इंतजार है, उसके बाद ही छात्र के कोरोना वायरस से पीड़ित होने की पुष्टि की जा सकेगी। चीन से लौटे तीन अन्य छात्रों को भी त्रिशूर के अस्पताल में विशेष वार्ड में रखा गया है। राज्य में 1,053 लोग निगरानी में रखे गए हैं। दूसरी ओर, विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि हुबेई प्रांत में रहने वाले 600 भारतीयों से संपर्क साधा गया है। इच्छुक लोगों को वापस लाया जाएगा।
चीन सरकार की तरफ से भी अनुमति का इंतजार है। उम्मीद है कि अनुमति जल मिल जाएगी और वुहान व इसके आस-पास के इलाकों में रहने वाले भारतीयों को लेकर पहला विमान शुक्रवार देर शाम तक भारत आ जाएगा। अगर जरूरत पड़ी दो दूसरा विमान भी इस्तेमाल किया जाएगा।
कैबिनेट सचिव ने हालात की समीक्षा की : कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद सरकार ज्यादा सतर्क हो गई है। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति ने स्वेदश आने वाले भारतीयों की जांच-पड़ताल और उन्हें अलग रखने की व्यवस्था आदि की समीक्षा की।
केरल के त्रिशूर जिले के इसी अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित भारतीय छात्र भर्ती है। दुनिया के कई महाद्वीपों में कोरोना वायरस के पहुंचने के साथ ही भारत में इसके पहले पीड़ित की पुष्टि हो चुकी है। चीन में सात हजार से ज्यादा लोग इसके संक्रमण से प्रभावित हैं। सौ से ज्यादा लोग काल-कवलित हो चुके हैं।
13 जनवरी: चीन के बाहर फैला वायरस। थाईलैंड में पहला मामला सामने आया।
170 से अधिक की मौत
भारत सहित दुनिया के कई देश अपने नागरिकों को वहां से निकालने की प्रक्रिया में तेजी से जुटे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे लेकर उन अस्पतालों को एडवाइजरी जारी की है जो इसके पीड़ितों का इलाज कर रहे हैं। इससे पहले कि यह बीमारी महामारी का रूप अख्तियार करे, दुनिया की कई संस्थाएं और वैज्ञानिक इसके टीके को विकसित करने में जुट चुके हैं।
कोरोना वायरस का न कोई इलाज है और न ही कोई टीका। इससे निपटने के लिए वैज्ञानिकों ने तैयारी शुरू कर दी है। चीन ने इसके जेनेटिक कोड को बहुत जल्द जारी कर दिया। सैन डियागो की इनोवियो लैब के वैज्ञानिकों का कहना है कि संभावित टीका विकसित करने के लिए वे अपेक्षाकृत नई डीएनए तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। एडवांस आइएनओ-4800 टीका विकसित करने के लिए शुरुआती गर्मियों में मानव परीक्षण करने की योजना है। वैज्ञानिकों का कहना है कि चीन वायरस की डीएनए शृंखला उपलब्ध कराता है तो तीन घंटे में टीके की डिजाइन तैयार की जा सकती है। इसके अलावा क्वींसलैंड विश्वविद्यालय और एक फार्मा कंपनी भी इस पर काम कर रहे हैं।
क्या है कोरोना वायरस
यह 2019 नोवल कोरोना वायरस है, जिसे 2019-एनसीओवी के नाम से जाना जाता है। यह इंसानों के सांस लेने की प्रणाली को प्रभावित करता है और पहली बार चीन के वुहान में सामने आया। इसलिए इसे वुहान कोरोना वायरस के नाम से भी जानते हैं।
वायरस के लक्षण
कफ की समस्या
मांसपेशियों में दर्द
सिर में दर्द और बेचैनी
बहती नाक
उच्च बुखार (100.4 डिग्री
फॉरेनहाइट से ज्यादा )
घाव का सड़ना अथवा
यहां तक की मृत्यु
मुश्किल से सांस ले पाना
निमोनिया
कोरोना वायरस: अब तक ये हुआ
31 दिसंबर 2019: डब्ल्यूएचओ को चीन ने अज्ञात बीमारी के बारे में बताया।
1 जनवरी 2020: बीमारी के पीछे सीफूड/जानवरों के होने की बात सामने आने पर वुहान में ऐसे बाजारों को बंद कर दिया गया।
9 जनवरी: डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह नए प्रकार का कोरोना वायरस है।
10 जनवरी: चीन ने नए वायरस का जेनेटिक कोड उपलब्ध कराया।
11 जनवरी: वैज्ञानिकों ने टीके को विकसित करने की दिशा में काम शुरू किया।