राष्ट्रपति कोविंद के अभिभाषण की 10 बड़ी बातें- संसद से लेकर SC तक का उल्लेख
संसद के बजट सत्र की शुरुआत शुक्रवार से की गई जो 3 अप्रैल तक चलेगा। इसका आरंभ हमेशा की तरह राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ हुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस दशक को महत्वपूर्ण बताया और संसद के उल्लेखनीय कामों से लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए ऐतिहासिक फैसले समेत जम्मू कश्मीर जैसे प्रमुख मुद्दों को भी उठाया। उन्होंने अपने अभिभाषण में सरकार की प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए ‘सबका साथ सबका विकास’ मंत्र पर चलने की बात कही।
यहां जान लें अभिभाषण की मुख्य बातें-
1. यह दशक है महत्वपूर्ण
सबसे पहले राष्ट्रपति ने इस दशक को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण दशक में, हमारी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘ मेरी सरकार के प्रयासों से पिछले पांच वर्षों में इस दशक को भारत का दशक और इस सदी को भारत की सदी बनाने की मजबूत नींव रखी जा चुकी है। 21वीं सदी के तीसरे दशक के प्रारंभ में, संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। मैं पुन: नए वर्ष की शुभकामनाओं के साथ, सभी संसद सदस्यों को इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी होने के लिए बधाई देता हूं। हमारा संविधान, इस संसद से तथा इस सदन में उपस्थित प्रत्येक सदस्य से राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए देशवासियों की आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ति करने और उनके लिए आवश्यक कानून बनाने की अपेक्षा भी रखता है।
2. बोडो संगठनों के साथ ऐतिहासिक समझौता
पांच दशकों से चली आ रही बोडो समस्या को समाप्त करने के लिए केंद्र और असम सरकार ने हाल ही में बोडो संगठनों के साथ ऐतिहासिक समझौता किया है। इस समझौते से, ऐसी जटिल समस्या, जिसमें 4 हजार से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई, उसका समाधान निकला है।
3. नागरिकता संशोधन कानून, गांधी जी की इच्छा हुई पूरी
राष्ट्रपति ने कहा, संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून बनाकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इच्छा को पूरा किया गया है। मेरी सरकार का स्पष्ट मत है कि पारस्परिक चर्चा-परिचर्चा तथा वाद-विवाद लोकतंत्र को और सशक्त बनाते हैं। वहीं विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा, समाज और देश को कमजोर करती है। उन्होंने कहा, ‘किसी भी पंथ का व्यक्ति इन प्रक्रियाओं को पूरा करके, भारत का नागरिक बन सकता है। शरणार्थियों को नागरिकता देने से किसी क्षेत्र और विशेषकर नॉर्थ ईस्ट पर कोई सांस्कृतिक प्रभाव न पड़े, इसके लिए भी सरकार ने कई प्रावधान किए हैं। मेरी सरकार यह पुन: स्पष्ट करती है कि भारत में आस्था रखने वाले और भारत की नागरिकता लेने के इच्छुक दुनिया के सभी पंथों के व्यक्तियों के लिए जो प्रक्रियाएं पहले थीं, वे आज भी वैसी ही हैं ।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैं पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की निंदा करते हुए, विश्व समुदाय से इसका संज्ञान लेने और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का भी आग्रह करता हूं।’
4. लोकसभा ने स्थापित किया नया रिकॉर्ड
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘मुझे प्रसन्नता है कि पिछले 7 महीनों में संसद ने काम करने के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस लोकसभा के पहले सत्र में, सदन द्वारा कार्य निष्पादन, पिछले सात दशकों में एक नया रिकॉर्ड रहा है।
5. अनुच्छेद 370 और 35ए का हटाया जाना ऐतिहासिक
राष्ट्रपति ने कहा, ‘संसद के दोनों सदनों द्वारा दो तिहाई बहुमत से संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को हटाया जाना, न सिर्फ ऐतिहासिक है बल्कि इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के समान विकास का भी मार्ग प्रशस्त हुआ है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का तेज विकास, वहां की संस्कृति और परंपराओं की रक्षा, पारदर्शी व ईमानदार प्रशासन और लोकतंत्र का सशक्तीकरण, मेरी सरकार की प्राथमिकताओं में हैं।’ उन्होंने कहा, ‘ मेरी सरकार, ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र पर चलते हुए, पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम कर रही है।’ राष्ट्रपति ने कहा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कनेक्टिविटी, सिंचाई, अस्पताल, पर्यटन से जुड़ी योजनाओं एवं IIT, IIM, AIIMS जैसे उच्च शिक्षा के संस्थानों की स्थापना का काम भी तेजी से चल रहा है।’ उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जहां मार्च 2018 तक जम्मू-कश्मीर में लगभग 3,500 घर बनाए गए थे, वहीं दो साल से भी कम समय में 24,000 से ज्यादा घरों का निर्माण पूरा किया गया है।
6. सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘ सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामजन्मभूमि पर फैसले के बाद देशवासियों द्वारा जिस तरह परिपक्वता से व्यवहार किया गया, वह भी प्रशंसनीय है।’
7. अर्थव्यवस्था व जीएसटी का भी जिक्र
राष्ट्रपति ने कहा, ‘मेरी सरकार भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए सभी स्टेकहोल्डर्स से बातचीत करके अर्थव्यवस्था में हर स्तर पर काम किया जा रहा है। दुनियाभर से आने वाली चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत है। हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 450 बिलियन डॉलर से भी ऊपर के ऐतिहासिक स्तर पर है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘One Nation, One Tax यानि GST ने भी टेक्नोलॉजी के माध्यम से देश में पारदर्शी व्यापार को बढ़ावा दिया है। जब GST नहीं था तो दो दर्जन से ज्यादा अलग-अलग टैक्स देने होते थे। अब टैक्स का जाल तो समाप्त हुआ ही है, टैक्स भी कम हुआ है।’
8. कम प्रीमियम में फसलों की बीमा
राष्ट्रपति ने कहा, ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत औसतन प्रतिवर्ष साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा किसान बहुत कम प्रीमियम पर अपनी फसलों का बीमा करा रहे हैं। इस योजना के तहत बीते तीन वर्षों में किसानों को लगभग 57 हजार करोड़ रुपए की क्लेम राशि का भुगतान किया गया है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘ हमारा देश हमारे अन्नदाता किसानों का ऋणी है जिनके परिश्रम से हम खाद्यान्न में आत्मनिर्भर हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 8 करोड़ से ज्यादा किसान-परिवारों के बैंक खाते में 43 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक राशि जमा कराई जा चुकी है। ‘ साथ ही उन्होंने पशुधन के बारे में भी सरकार के प्रयासों को बताया। उन्होंने कहा, ‘ देश के 50 करोड़ से अधिक पशुधन को स्वस्थ रखने का एक बहुत बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। नेशनल एनीमल डिज़ीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत पशुओं के Foot and Mouth Disease से बचाव के लिए उनके टीकाकरण व अन्य उपायों पर 13 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।’
9. गिनवाई अंतरिक्ष की उपलब्धियां
राष्ट्रपति ने कहा, ‘ सरकार द्वारा अंतरिक्ष में भी सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। A-Sat के सफल परीक्षण से भारत अंतरिक्ष में विशेष मारक क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। मेरी सरकार द्वारा चंद्रयान-3 को स्वीकृति दी जा चुकी है। इसरो द्वारा मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम- गगनयान तथा आदित्य-एक मिशन पर भी तेजी से कार्य हो रहा है। रत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का लक्ष्य, सदैव मानवता की सेवा रहा है। देश के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम के कारण चंद्रयान-2 ने देश के युवाओं में टेक्नोलॉजी के प्रति नई ऊर्जा का संचार किया है।’
10. रक्षा क्षेत्र भी हुआ सशक्त
राष्ट्रपति ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति को बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा, ‘बदलते समय में, देश की रक्षा से जुड़ी नई और जटिल चुनौतियों का सामना करने के लिए मेरी सरकार, सेनाओं को और भी सशक्त, प्रभावशाली और आधुनिक बना रही है। Chief of Defence Staff – CDS की नियुक्ति और Department of Military Affairs का गठन इसी दिशा में उठाया गया कदम है।’ अभिभाषण के अंत में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘मेरा यह विश्वास है कि आने वाले समय में भी हम सब मिलकर अपने देश के गौरवशाली अतीत से प्रेरणा लेते हुए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए, हर संभव प्रयास करेंगे और अपने प्रयासों में सफल भी। आइए, हम सब मिलकर नए भारत का सपना पूरा करें, हम सब मिलकर नया भारत बनाएं। जय हिंद!
बजट सत्र के शुरुआत में दिए गए राष्ट्रपति के अभिभाषण को अहम माना जाता है। राष्ट्रपति सुबह 10.55 बजे संसद भवन पहुंचें। यहां इनकी अगुवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लोकसभा अध्यक्ष व राज्यसभा के सभापति ने की।