UP विधानमंडल के बजट सत्र के दूसरे दिन भी विधानसभा की कार्यवाही चढ़ गई हंगामे की भेंट….
UP Budget Session 2020 : उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को भी विधानसभा की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित जैसे ही सदन में पहुंचे तो सपा और कांग्रेस के सदस्य प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर चर्चा कराने की मांग करने लगे। उनकी मांग नकारते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नोत्तर काल का समय बाधित करना वरिष्ठ सदस्यों को शोभा नहीं देता है। इस पर सपा और बसपा ने सदन का बहिर्गमन कर दिया। स्पीकर के आगृह को अस्वीकार करते हुए कांग्रेस सदस्य बेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई तो कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए लखनऊ कचहरी देशी बम से वकील पर हमले पर चर्चा की मांग करने लगे। उनके समर्थन में कई और सदस्य भी खड़े हो गए और चर्चा की मांग करने लगे। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने उनकी मांगों को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि प्रश्नोत्तर काल का समय बाधित करना वरिष्ठ सदस्यों को शोभा नहीं देता है।
नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि पूरे प्रदेश में सरकार महिलाओं को प्रताड़ित कर रही है। इसलिए इस मामले पर चर्चा होनी चाहिए, जिसे भी विधानसभा अध्यक्ष सुनने से मना कर दिया। इस पर राम गोविंद चौधरी ने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार की बात हमारी नहीं सुनी जा रही है, इसलिए इसके विरोध में समाजवादी पार्टी सदन का बहिष्कार कर रही है। इस पर भाजपा नेता ने सुरेश खन्ना ने कहा कि यह सरकार जिस दिन से आई है प्रदेश की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में है और समाजवादी पार्टी से एक हजार गुना अच्छी है। ये सदन में हल्ला मचाकर अखबारों की सुर्खियां बटोरना चाहते हैं।
बसपा नेता लालजी वर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से ब्रिटिश हुकूमत में जलियावाला बाग कांड हुआ था, वैसे ही यह सरकार शांतिप्रिय आंदोलनकारियों के ऊपर आंदोलन कर रही है। उनके कंबल छीने जा रहा हैं, उनको जेल में भेजा जा रहा है। उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस अन्याय के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी सदन का बहिर्गमन करती है। इसी बीच कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए बेल में आ गए। स्पीकर ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को बीस मिनट के लिए स्थगित कर दी।