तीर्थराज प्रयाग में एक अद्भुत दृश्य दिखने वाला है, जो आस्था, विश्वास को करेगा और भी मजबूत
तीर्थराज प्रयाग में एक अद्भुत दृश्य दिखने वाला है, जो आस्था और विश्वास को और मजबूत करेगा। यह होगा संगम क्षेत्र में हनुमान जी की दो विशाल और लेटी अवस्था में प्रतिमाओं के मिलन का। दरअसल, संकट मोचन हनुमान मंदिर भीलवाड़ा (राजस्थान) से संगम स्नान कराने के लिए लाई जा रही हनुमान जी की 64 टन वजन की प्रतिमा के गुरुवार को प्रयागराज पहुंचने की संभावना है और इस प्रतिमा का बंधवा स्थित लेटे हनुमान मंदिर के समक्ष भव्य पूजन और दर्शन होगा। इस तरह एक जैसी दो विशाल प्रतिमाओं को प्रयागराज में देखने का अलौकिक अवसर पहली बार मिलेगा।
भीलवाड़ा से 2100 किमी का सफर तय कर संगम स्नान को आ रहे बजरंग बली
राजस्थान के भीलवाड़ा से प्रयागराज के लिए हो रही इस यात्रा में हनुमान जी की प्रतिमा करीब 2100 किलोमीटर की दूरी तय कर रही है। उम्मीद है कि यह गुरुवार को दोपहर बाद कानपुर के रास्ते शहर में प्रवेश करेगी। प्रतिमा 28 फीट लंबी और 12 फीट चौड़ी है। इसे बड़े ट्राला पर लादकर लाया जा रहा है। साथ में भारी भरकम क्रेन भी चल रही है। खास यह है कि यह प्रतिमा एक ही शिला से निर्मित है। संकट मोचन हनुमान मंदिर भीलवाड़ा के पुजारी महंत बाबू गिरि ने दैनिक जागरण से दूरभाष पर बताया कि यात्रा बुधवार को कानपुर से प्रयागराज के लिए रवाना होगी। कहा कि हनुमान जी को प्रयागराज में संगम स्नान कराने का वृहद संकल्प लिया गया था।
प्रयागराज के लोग यात्रा का स्वागत करने के लिए पलक पावड़े बिछाए हैं
बांध स्थित हनुमान मंदिर पहुंचने पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि पूजन आरती करेंगे। हनुमान जी को संगम स्नान कराने के बाद भीलवाड़ा के लिए वापस रवाना हो जाएंगे। महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि भीलवाड़ा के संकट मोचन हनुमान मंदिर के महंत बाबू गिरि की इच्छा है कि वे हनुमान जी की प्रतिमा को बंधवा हनुमान मंदिर प्रयागराज से स्पर्श कराकर वापस ले जाएंगे। इतनी विशाल प्रतिमा पहली बार लाई जा रही है। उधर प्रयागराज के लोग भी इस यात्रा का स्वागत करने के लिए पलक पावड़े बिछाए हैं। नगर क्षेत्र में स्वागत और बंधवा पर पूजन की व्यापक तैयारी है।