सोमवार को रात से हवाओं ने अपना रूख बदला, सोमवार को पारा 43 डिग्री पहुंचा
मई का दूसरा पखवारा चल रहा है। कभी पुरवा हवा तो कभी पछुआ हवाएं चल रही हैं। पिछले एक सप्ताह से पछुआ हवा चल रही थी। सोमवार को रात से हवाओं ने अपना रूख बदल दिया। अचानक पुरवा हवाएं चल रही हैं। यही नहीं सोमवार को अधिकतम पारा 43 डिग्री व न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।
यानी पुरवा हवाओं के चलने व पारा चढ़ने से उमस भरी गर्मी से आम जन पूरी तरह बेहाल हैं। उमस भरी गर्मी से लोग घरों में पूरी तरह से बिलबिला रहे हैं। आसमान से मानों आग बरस रही हो। इसकी वजह से लोगों के चेहरे झुलस जा रहे हैं। चिलचिलाती धूप में सड़कों पर चलना दुश्वार हो गया है। आम जनमानस के साथ ही पशु-पक्षी भी पूरी तरह से छटपटा रहे हैं।
वह जगह-जगह पानी की तलाश में भटक रहे हैं। दोपहर में सड़कें पूरी तरह से सूनीं हो जा रही हैं। वहीं लोग सड़कों पर दिख रहे हैं जो गमछा, तौलिया व हेलमेट लगाकर चल रहे हैं। गर्मी की वजह से ठंडे पेय पदार्थों की बिक्री बढ़ गई है।
पिछले एक पखवारे के मौसम पर नजर डालें तो सबसे अधिकतम सोमवार को तापमान व मौसम गर्म रहा। रविवार को तापमान अधिकतम 41 व न्यूनतम 24 डिग्री सेंटीग्रेंड पर था।
सोमवार को अधिकतम में दो डिग्री व न्यूनतम में चार डिग्री की वुद्धि हो गई। इसकी वजह से सोमवार को सुबह आठ बजे से ही आसमान से आग बरसने लगी।
दस बजे तक तो आसमान से आग बरसने लगी। सड़कों पर चल रहे लोगों पर सूर्य की किरणों से लग रहा था कि त्वचा झुलस जा रही थी। लोग सिर पर गमछा व तौलियां ओढ़कर ही निकल रहे थे। कुछ लोग तो बिना हेलमेट के बाइक भी नहीं चल रहे थे। बाइक चलाते समय पैर पर पड़ रही सूर्य की किरणों से बाइक सवार छटपटा जा रहे हैं।
भीषण गर्मी की वजह से लोग जगह-जगह छाए की तलाश में भटकते फिर रहे हैं, लेकिन पेड़ों के कट जाने की वजह से छाया भी नहीं मिल पा रही है।
भीषण गर्मी की वजह से कूलर और पंखे भी काम नहीं कर रहे हैं। उमस से लोगों को राहत नहीं मिल रही है। इस दौरान बिजली कटने पर लोग घरों से बाहर निकल जा रहे हैं।
दूसरी तरफ खीरा, ककड़ी की ज्यादा बिक्री शुरू हो गई है। नीबू पानी के अलावा पेय पदार्थों की दुकानों पर लोगों का जमावड़ा लग रहा है। लोगों के हलक सूख जा रहे हैं। ऐसे में नीबू पानी संजीवनी का काम कर रहा है।
शहर में अभी तक कहीं भी निश्शुल्क प्याऊ की व्यवस्था नहीं की गई है। इसकी वजह से यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रोडवेज व रेलवे स्टेशन पर पानी खरीद कर लोग पीने को विवश हैं।