दून से लापता बुजुर्ग की तीन आरोपितों ने की हत्या गैंडीखाता के जंगलों से बरामद हुआ शव

जाखन से लापता बुजुर्ग की तीन आरोपितों ने हत्या कर दी। उनका शव गैंडीखाता के जंगलों से बरामद हुआ। पुलिस ने मामले का पर्दाफाश करते हुए एक महिला समेत दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जबकि तीसरा आरोपित बीमार होने के चलते अस्पताल में भर्ती है। तीनों आरोपित बिजनौर जिले के रहने वाले हैं। पूछताछ में दोनों आरोपितों ने बताया कि उन्होंने पैसों के लालच में बुजुर्ग की हत्या की और शव को जंगल में ही छोड़ दिया था। जबकि उनके पैसे, कार, एटीएम कार्ड आदि सामान लेकर फरार हो गए थे।

पत्रकारों से वार्ता में डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि आरोपितों की पहचान नरपाल, सरोजबाला, दोनों निवासी ग्राम छितावर जिला बिजनौर हाल निवासी जाखन, प्रेमपाल निवासी ग्राम छितावर जिला बिजनौर के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि राजपुर थाने में बीती आठ फरवरी को दून विहार जाखन की रहने वाली सीमा चौहान ने अपने पति आनंद प्रकाश चौहान के गुम होने की शिकायत दर्ज करवाई थी। महिला ने बताया था कि आनंद प्रकाश (नगर निगम दिल्ली से सेवानिवृत्त) बीते पांच फरवरी को सुबह साढ़े आठ बजे घर से जखोली सोनीपत, हरियाणा के लिए अपनी कार से निकले थे, जहां उनकी प्रापर्टी है। अब उनका पता नहीं लग रहा है।

सूचना के आधार पर एसपी सिटी श्वेता चौबे ने राजपुर थाना इंचार्ज अशोक राठौर के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया। गुमशुदा के बैंक खाते की जानकारी ली गई तो पता लगा कि आनंद प्रकाश ने जाने से एक दिन पहले अपने बैंक खाते से डेढ़ लाख रुपये निकाले थे। आनंद प्रकाश की कॉल डिटेल निकाली गई तो पांच फरवरी को दिन में करीब साढ़े 11 बजे की लोकेशन चिड़ियापुर टावर के आसपास पाई गई। आनंद प्रकाश द्वारा अंतिम बार एक ही नंबर से कई बार बात होने की बात सामने आई। उक्त नंबर के संबंध में जानकारी जुटाई तो नंबर नरपाल नामक व्यक्ति का निकला। पुलिस जांच में पता चला कि नरपाल जाखन में गार्ड का काम करता है और अपने गांव की एक महिला सरोजबाला जो उसके दूर के रिश्ते में साली लगती है, के साथ जाखन में पेट्रोल पंप के पास किराये के मकान में रहता है।

नरपाल की तलाश की गई तो जानकारी मिली कि वह बीमार है और नौ फरवरी से बिजनौर के सरकारी अस्पताल में भर्ती है। नरपाल से पूछताछ करने टीम बिजनौर गई तो वहां डाक्टरों ने मरीज की हालत गंभीर बताते हुए बात कराने से इन्कार कर दिया।

मृतक के मोबाइल में आरोपित ने लगाया था अपना सिम

बिजनौर में डॉक्टरों के पूछताछ करने से मना करने पर पुलिस टीम लौट आई। यहां जांच में सर्विलांस के माध्यम से गुमशुदा आनंद प्रकाश के मोबाइल में एक अन्य नंबर के एक्टिवेट होने की जानकारी मिली, यह नंबर प्रेमपाल के नाम पर था। जांच में पता चला कि प्रेमपाल व नरपाल दोनों भाई हैं। पुलिस ने कड़ी से कड़ी मिलाई और प्रेमपाल व सरोजबाला को पूछताछ के लिए बुलाया। 28 फरवरी को दोनों अपने वकील के साथ जाखन पुलिस चौकी पहुंचे। हालांकि, यहां पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपितों ने हत्या का राज खोल दिया।

ऐसे रची हत्या की साजिश

डीआइजी के अनुसार, पूछताछ में प्रेमपाल ने बताया कि नरपाल देहरादून में 8-10 वर्षों से गार्ड की नौकरी कर रहा था। इस दौरान वह आनंद प्रकाश से मिला। एक दिन आनंद प्रकाश ने नरपाल को बताया कि उसकी पत्नी सीमा उससे झगड़ा करती है। नरपाल ने आनंद प्रकाश को एक तांत्रिक के बारे में बताया। पांच फरवरी को नरपाल ने प्रेमपाल को फोन करके नजीबाबाद बुलाया। योजना के मुताबिक सरोजबाला आनंद प्रकाश को लेकर देहरादून से निकली। तीनों आरोपितों को गैंडीखाता में मिलना था। प्रेमपाल बस पकड़कर नजीबाबाद गया, जहां से प्रेमपाल और नरपाल बस से गैंडीखाता के लिए रवाना हुए। हालांकि, रास्ते में उन्हें आनंद प्रकाश और सरोजबाला मिल गए। आनंद चौहान अपनी कार से आए थे। चारों कार में बैठकर गैंडीखाता के लिए निकल गए। आगे जाकर तीनों ने मिलकर आनंद प्रकाश की हत्या कर दी। शव जंगल में फेंक दिया और आनंद प्रकाश के पैसे, एटीएम कार्ड, कार आदि लेकर फरार हो गए।

ऐसे हुई शव की पहचान

डीआइजी ने बताया कि पुलिस टीम प्रेमपाल, सरोजबाला व आनंद प्रकाश चौहान के स्वजनों को साथ लेकर गैंडीखाता के जंगल में शव की तलाश के लिए रवाना हुई। वहां पता चला कि गैंडीखाता वन क्षेत्र जनपद पौड़ी के तहत आता है और यह राजस्व पुलिस का क्षेत्र है। राजस्व उप निरीक्षक से जानकारी लेने पर पता चला कि बीती छह फरवरी को गैंडीखाता के जंगल में एक बुजुर्ग का शव बरामद हुआ था। पंचनामा व पोस्टमार्टम की कार्रवाई राजस्व पुलिस द्वारा की गई है। मृतक के फोटोग्राफ, कपड़े व अन्य सामान को स्वजनों को दिखाने पर उन्होंने पहचान कर ली।

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