पढ़ाई के दौरान लाउडस्पीकर बजता है अथवा तेज आवाज से हो रही दिक्कत तो शोरगुल पर 112 डायल करें, पुलिस करेगी मदद
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के साथ सीबीएसई तथा आइसीएससी परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों के लिए प्रदेश सरकार बड़ा कदम उठा रही है। इसके साथ ही सरकार जहां नकलचियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी, वहीं पुलिस छात्र-छात्रओं को पढ़ाई का बेहतर माहौल उपलब्ध कराएगी। जो लोग तेज आवाज में गाने सुनते हैं या फिर कोई व्यक्ति सड़क पर बैंड-बाजा निकाल रहा है तो उसकी परेशानी बढ़नेवाली है। नए दिशा-निर्देश के मुताबिक कोई भी व्यक्ति निर्धारित मानक से अधिक आवाज में गाना नहीं सुन सकता है। इतना ही नहीं अगर कोई शख्स लगातार कानून का उल्लंघन करता पाया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है।
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बोर्ड परीक्षा के दौरान 15 फरवरी से 31 मार्च तक ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया है। एडीजी यूपी 112 असीम अरुण ने बताया कि यदि पढ़ाई के दौरान कहीं तेज आवाज में लाउड स्पीकर बजता है अथवा तेज आवाज से दिक्कत होती है तो विद्यार्थी 112 नंबर पर कॉल सीधे पुलिस से मदद मांग सकते हैं। विद्याथी अब सोशल मीडिया के माध्यमों से भी पुलिस की मदद मांग सकते हैं। ऐसी कॉल आने पर पुलिस शिकायत दर्ज कर पीआरवी को तत्काल मौके पर भेजा जाएगा। पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचकर शोर को दूर कराने कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
एडीजी ने कहा कि सुबह छह बजे से 10 बजे तक तथा रात 10 बजे से सुबह छह बजे के मध्य पुलिस ध्वनि के निर्धारित मानकों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। शैक्षणिक संस्थानों के आसपास 100 मीटर तक के क्षेत्र को शांति क्षेत्र को घोषित किया गया है। इसके अलावा औद्यौगिक, वाणिज्यिक, आवासीय व शांति क्षेत्र के ध्वनि के अलग-अलग मानक तय हैं।
अभियान के लिए खासकर प्रशिक्षित किए गए पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचकर शोर को कम कराएंगे और निर्धारित समय के बाद लाउड स्पीकर का प्रयोग बंद कराएंगे। शोरगुल करने वालों को पुलिस पहले चेतावनी देकर छोड़ेगी। निर्देश के बाद भी किसी व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा ध्वनि प्रदूषण करने पर स्थानीय थाना स्तर से वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। यूपी 112 पर ध्वनि प्रदूषण को लेकर आने सबसे अधिक शिकायतें फरवरी व मार्च माह में ही आती हैं। पिछले वर्ष फरवरी माह में ऐसी 2790 तथा मार्च माह में 2445 शिकायतें आई थीं।
यूपी पुलिस अब रात में पढ़ाई कर रहे बच्चों को सभी तरह के शोरगुल से बचाने के काम करेगी। यानी कि पुलिस यह सुनिश्चित करेगी की बच्चों की पढ़ाई में किसी तरह का कोई व्यावधान ना उतपन्न हो। इतना ही नहीं अगर कोई बच्चे अपने आसपास के शोरगुल से बेहद परेशान है तो वो मदद के लिए पुलिस को बुला सकता है। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच कर उनकी समस्या का समाधान निकालेगी। अगर राज्य का कोई छात्र अपने मुहल्ले में लाउडस्पीकर या तेज गाने की वजह से अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहा है तो वह 112 नंबर पर कॉल कर इस बात की शिकायत दर्ज करा सकता है। कॉल जाते ही पुलिस मौके पर पहुंचेगी और मुहल्ले में हो रहे किसी तरह के शोरगुल को खत्म करेगी। जिससे कि बच्चों की पढ़ाई जारी रहे।
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बोर्ड परीक्षा प्रचलित है, ऐसे में तेज लाउडस्पीकर, शोरगुल से परेशान होने पर तुरन्त 1️⃣1️⃣2️⃣ डायल करें, पुलिस समाधान करेगी ।
सिर्फ एक केंद्र पर ही उत्तर पुस्तिकाओं का करें संकलन
यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान उत्तर पुस्तिकाओं का संकलन करने के लिए जिलों में सिर्फ एक केंद्र ही बनाया जाए ताकि आसानी से उसकी निगरानी की जा सके। उत्तर पुस्तिका संकलन केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से निगरानी की जाएगी। यह निर्देश शुक्रवार को डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को दिए। उन्होंने कक्ष निरीक्षकों व परीक्षकों के बीते साल के बकाया मानदेय का भुगतान भी तत्काल करने के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव (माध्यमिक शिक्षा) आराधना शुक्ला ने कहा अगर जिलों में नकल हुई तो इसकी सीधी जिम्मेदारी जिला विद्यालय निरीक्षकों की होगी। बैठक में विशेष सचिव (माध्यमिक शिक्षा) राजेश कुमार व उदयभान त्रिपाठी भी मौजूद रहे।