गुजरात के उपमुख्‍यमंत्री नितिन पटेल फिर रूठे, बोले-मैं अकेला खड़ा हूं; सब मेरे खिलाफ

Gujarat Deputy CM Nitin Patel. गुजरात के उपमुख्‍यमंत्री नितिन पटेल अपनी साफगोई व हाजिर जवाब के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इसी के चलते सरकार व संगठन के कई नेता उस वक्‍त हैरत में पड़ गए, जब उन्होंने ये कहा कि सभी एक ओर हैं और वे दूसरी ओर वे अकेले खड़े हैं।

पाटीदार समाज की कुलदेवी मां उमिया के शिलान्‍यास समारोह के दौरान उपमुख्‍यमंत्री पटेल का अपनों के बीच दर्द छलका तो वहां मौजूद हर कोई अचरज में पड़ गए। मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी के साथ कई मौकों पर नितिन पटेल की नाराजगी की बातें आती रहती हैं तथा कुछ सरकारी समारोहों पर उनके नाम व फोटो के नहीं होने पर भी उनके पर कतरे जाने की अटकलें लगती रहती हैं, लेकिन कडवा पाटीदार समुदाय के लाखों लोगों की हाजिरी में जब निति‍न पटेल ने जब यह कहा कि सब एक ओर हैं और वे अकेले दूसरी ओर। पटेल यहीं नहीं रुके, उन्‍होंने यहां तक कहा कि कई लोगों को वे नापसंद हैं और उन्‍हें अकेला करने की कोशिशें होती रहती है लेकिन फिर भी वे मां उमिया के आशीर्वाद से यहां खड़े हैं।

नितिन पटेल ने कहा कि कुछ लोग उन्हें भुला देना चाहते हैं, लेकिन याद रखें वे किसी को भूलते नहीं हैं। पटेल परोक्ष रुप से किसे चेतावनी दे रहे थे। इसकी स्‍पष्‍टता तो नहीं की लेकिन इतना साफ है कि गुजरात सरकार में नंबर दो नेता नितिन पटेल एक बार फिर नाराज हैं। 2017 में चुनाव जीतने के बाद मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के बाद वित्‍त मंत्रालय नहीं मिलने के बाद नितिन दो तीन दिन तक सचिवालय अपने कार्यालय नहीं गए और जब उन्हें वित्‍त मंत्रालय सौंपा गया, तब ही कार्यभार संभाला था इसलिए सरकार व संगठन में कहीं ना कहीं उनकी उपेक्षा किए जाने या नाराजगी की खबरें रह रहकर आती रहती हैं।

मूल उत्‍तर गुजरात कडी मेहसाणा के नितिन पटेल की पाटीदार समुदाय में जबरदस्‍त पकड़ मानी जाती है। मेहसाणा में अजेय माने जाने वाले पटेल पिछले कई दश्‍क से राजनीति में सक्रिय हैं। संघ की शाखा से लेकर भाजपा की सरकार में लगातार मंत्री बनते आ रहे हैं। अगसत 2016 में तत्‍कालीन सीएम आनंदीबेन पटेल के इस्‍तीफा देने के बाद नितिन पटेल को मुख्‍यमंत्री बनाए जाने की चर्चा थी।

प्रदेश भाजपा संसदीय दल की बैठक पूरी होने के बाद सब कुछ तय माना जा रहा था, लेकिन अचानक सीएम पद के लिए रूपाणी के नाम की घोषणा कर दी गई, जबकि नितिन पटेल इससे पहले मीडिया को इंटरव्‍यू देने से लेकर अन्‍य औपचारिकताएं भी पूरी कर रहे थे लेकिन रूपाणी बाजी मार ले गए थे। आरक्षण आंदोलन के चलते ही आनंदीबेन को अपना पद छोड़ना पड़ा था, इसलिए रूपाणी के कार्यकाल में राज्‍य में हर थोड़े अंतराल में होने वाले आंदोलनों के पीछे नितिन पटेल का हाथ होने की खबरें भी आती रहती हैं।

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