निर्भया के चार दोषियों में एक पवन की दया याचिका भी राष्ट्रपति की ओर से कर दी खारिज

 2012 Delhi Nirbhaya case : निर्भया के चार दोषियों में एक पवन की दया याचिका भी राष्ट्रपति की ओर से खारिज कर दी गई है। सोमवार सुबह सुप्रीम कोर्ट से सुधारात्मक याचिका (Curative petition) खारिज होने के बाद पवन ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी। दया याचिका खारिज होने की जानकारी पवन के वकील एपी सिंह ने सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस में सुनवाई के दौरान दी।

पवन की Curative petition सुप्रीम कोर्ट से खारिज; फांसी से बचने के लिए चला था पैंतरा

इससे पहले निर्भया के चारों दोषियों में से पवन कुमार गुप्ता (Pawan Kumar Gupta) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme) से सोमवार को बड़ा झटका लगा है। सोमवार को सुनवाई के दौरान पांच सदस्यीय बेंच ने पवन की सुधारात्मक याचिका खारिज कर दी। पवन ने अपनी याचिका में राहत की गुहार लगाते हुए मंगलवार सुबह 6 बजे होने वाली फांसी पर रोक की मांग की की, इसको भी सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान खारिज कर दिया है।

शुक्रवार को दाखिल की गई थी क्यूरेटिव याचिका

पवन गुप्ता ने शुक्रवार शाम को सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर की थी। इस पर सोमवार को सुबह नियमित अदालत बैठने से पांच मिनट पूर्व चैम्बर में सुनवाई के लिए लगा लिया था।

पांच सदस्यीय बेंच ने की सुनवाई

क्यूरेटिव याचिका पर न्यायाधीश चैंबर में सर्कुलेशन के जरिये विचार करते हैं। पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका पर सोमवार को न्यायमूर्ति एनवी रमना, अरुण मिश्रा, आरएफ नारिमन, आर भानुमती और अशोक भूषण ने विचार किया और फिर खारिज कर दिया।

पवन ने सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर कर  फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने का अनुरोध किया था। इसी के साथ पवन ने अपने वकील के जरिये 3 मार्च की सुबह 6 बजे होने वाली फांसी पर रोक लगाने की भी मांग की थी।

बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 17 फरवरी को निर्भया के चारों दोषियों की फांसी के लिए डेथ वारंट जारी किया था, जिसके मुताबिक, 3 मार्च की सुबह 6 बजे तिहाड़ जेल संख्या-3 पर चारों को फांसी दी जाएगी।

बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिण दिल्ली के वंसत विहार इलाके में निर्भया के साथ चलती बस में 6 दरिंदों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस दौरान राम सिंह, एक नाबालिग, विनय, मुकेश, पवन और अक्षय ने निर्भया को इस कदर शारीरिक प्रताड़ना दी कि उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।

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