पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे नींद की कमी से है ग्रस्त, बच्चों में पाई गई नींद की कमी

एक हालिया अध्ययन में पता चला है कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे नींद की कमी से ग्रस्त हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, फोन पर बहुत अधिक समय बिताने और व्यायाम न करने के कारण बच्चों में नींद की कमी हो रही है। यह अध्ययन स्टैथक्लाइड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है।

बाहरी खेल से बेहतर होगी नींद : 
शोधकर्ता डॉ. कैथरीन हिल ने 30,000 से अधिक अध्ययनों की समीक्षा की। इसमें पांच से कम उम्र के 60,000 बच्चों में नींद की समस्याओं का पता चला। कैथरीन हिल ने कहा कि माता-पिता को इस मामले से निपटने में बच्चों की मदद करनी चाहिए।

अध्ययन के परिणामों के मुताबिक, बच्चों को बाहरी खेले जाने वाले खेलों और सोने के वक्त फोन का इस्तेमाल न करने के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी है। इस अध्ययन के परिणाम स्लीप मेडिसिन रिव्यू नामक जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। शोधकर्ता डॉ. हिल और उनके सहयोगियों ने पाया कि शिशु, बच्चे और प्राथमिक स्कूल जाने वाले छात्र खराब नींद के शिकार थे। जबकि बाहरी खेलों से उनमें बेहतर नींद लेने का मजबूत संबंध देखने को मिला।

अपर्याप्त नींद दिमाग को करती है प्रभावित : 
डॉ. हिल ने कहा, यह तो मालूम था कि शारीरिक गतिविधि कम होने और फोन या टीवी पर अधिक समय बिताने से बड़े बच्चों की नींद पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लेकिन पांच साल से कम उम्र के बच्चे इससे प्रभावित होते हैं, इस बारे में बहुत कम जानकारी थी।

उन्होंने आगे कहा, बहुत छोटे बच्चों में स्क्रीन टाइम के बारे में सबूत देने वाला यह पहला शोध पत्र है। हमारे डाटा ने प्रतिदिन के स्क्रीन टाइम के अधिक स्तर का छोटे बच्चों की नींद से संबंध दिखाया है। वहीं, यह भी देखा गया कि शारीरिक गतिविधि करने से बच्चों की नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।

डॉ. हिल ने कहा कि पर्याप्त नींद बच्चों के स्वास्थ्य और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जो बच्चे बचपन में कम नींद लेते हैं, वे बाद में मोटापे के शिकार हो जाते हैं और साथ ही उनका दिमाग का विकास प्रभावित होता है।

खतरा ‘
– फोन पर अधिक समय बिताने के कारण नींद में आ रही कमी
-‘ शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देने से बेहतर हो सकती है नींद

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