केंद्र सरकार ने BPCL के निजीकरण के लिए आमंत्रित की बोली, बेचेगी अपनी पूरी हिस्सेदारी

केंद्र सरकार ने Bharat Petroleum Corporation Limited (BPCL) के निजीकरण के लिए शनिवार को बोली आमंत्रित की। डिपार्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) ने निविदा दस्तावेज में कहा है कि बीपीसीएल की रणनीतिक बिक्री के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) आमंत्रित किया गया है। इसे भरने की आखिरी तारीख दो मई, 2020 है। इस दस्तावेज में कहा गया है कि भारत सरकार बीपीएसएल में अपने 114.91 करोड़ इक्विटी शेयरों की रणनीतिक बिक्री का प्रस्ताव रखती है, जो बीपीसीएल की कुल इक्विटी शेयर का 52.98 फीसद है।

इसके साथ ही रणनीतिक खरीदार को कंपनी का मैनेजमेंट कंट्रोल भी सौंप दिया जाएगा। हालांकि, इसमें नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड में BPCL के 61.65 फीसद शेयर शामिल नहीं हैं। एनआरएल में कंपनी की हिस्सेदारी किसी सरकारी तेल एवं गैस कंपनी को बेची जाएगी।

दो चरण में होगा विनिवेश

सरकार ने इस रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया से जुड़े परामर्श एवं इसे मैनेज करने के लिए Deloitte Touche Tohmatsu India LLP को नियुक्त किया है। यह विनिवेश प्रक्रिया दो चरण में होगी। एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट वाले चरण के पात्र बोलीदाताओं को दूसरे चरण में वित्तीय बोली लगाने के लिए कहा जाएगा।

PSU कंपनियों को हिस्सा लेने की अनुमति नहीं

ऑफर डॉक्युमेंट के मुताबिक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियां BPCL के निजीकरण प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले पाएंगी। 10 अरब डॉलर से अधिक नेटवर्थ वाली कोई भी कंपनी या अधिकतम चार कंपनियों का समूह इस बोली प्रक्रिया में हिस्सा ले सकता है।

बीपीसीएल का निजीकरण सरकार के लिए अहम

BPCL का बाजार पूंजीकरण फिलहाल 87,388 करोड़ रुपये है और वर्तमान मूल्य पर सरकार की हिस्सेदारी 46,000 करोड़ रुपये है। बीपीसीएल का निजीकरण सरकार के विनिवेश लक्ष्य के हिसाब से काफी अहम है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 में विनिवेश के जरिए 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। बीपीसीएल देश में चार जगहों मुंबई (महाराष्ट्र), कोच्चि (केरल), बीना (मध्य प्रदेश) और नुमालीगढ़ (असम) में रिफाइनरियों का परिचालन करती है। इन चारों रिफाइनरियों की कुल क्षमता 3.83 करोड़ टन प्रति वर्ष की है।

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