Income Tax Slab टैक्सपेयर्स अपनी सुविधा के मुताबिक चुन सकेंगे टैक्स देने का ऑप्शन…
अगले वित्त वर्ष से Income Taxpayers अपनी सुविधा के मुताबिक टैक्स देने का ऑप्शन चुन सकेंगे। इस साल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने Individual Income Taxpayers के लिए नए और वैकल्पिक टैक्स स्लैब की घोषणा की जो अगले साल इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) भरने के दौरान मान्य होगा। वहीं पुराने टैक्स स्लैब को भी जारी रखने की बात कही गई। अंतर सिर्फ इतना है कि नए टैक्स स्लैब में टैक्सपेयर्स को 80-C का लाभ नहीं मिलेगा जिसके तहत आम टैक्सपेयर्स 1.5 लाख रुपये तक के निवेश दिखाकर आयकर में छूट लेते है। टैक्स विशेषज्ञों के मुताबिक बजट के बाद इस बात को लेकर चर्चा होने लगी कि 80-C का लाभ वाले टैक्स स्लैब एवं बिना लाभ वाले स्लैब में से किसी एक को चुनना होगा और एक बार जिस स्लैब को अख्तियार कर लिया जाएगा, उसे बदला नहीं जा सकेगा।
बिजनेस से इनकम वाले एक बार ही चुन सकेंगे कोई विकल्प
टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक टैक्सपेयर्स अपनी सुविधा के अनुसार दोनों में से किसी एक टैक्स स्लैब का चुनाव कर सकेंगे। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ इंडिया’ (आइसीएआइ) के नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के पूर्व चेयरमैन राज चावला ने बताया कि जिनकी आय बिजनेस से हो रही है, वे सिर्फ एक बार दोनों में से किसी एक (80-C के लाभ वाले या गैर 80-C वाले) का चुनाव कर सकते हैं। उसके बाद उन्हें उसी स्लैब में आईटीआर फाइल करनी पड़ेगी। हालांकि, नौकरीपेशा आम टैक्सपेयर्स हर साल विकल्प बदल सकेंगे। उन्होंने बताया कि मान लीजिए कोई आम टैक्सपेयर्स किसी साल 80-C के तहत 1.5 लाख रुपए का निवेश नहीं कर पाता है तो वह चाहे तो नए टैक्स स्लैब के तहत आईटीआर फाइल कर सकता है।
नौकरीपेशा लोगों के पास हर साल किसी एक विकल्प को चुनने की सुविधा
अगले साल वह टैक्सपेयर्स 80-C के तहत निवेश करता है तो वह फिर से पुराने स्लैब में आईटीआर फाइल कर सकता है। लेकिन यह सुविधा कारोबारियों को नहीं दी गई है। उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से होम लोन लेने वालों को 80-C का फायदा मिलता है। नई पीढ़ी जिनके ऊपर कोई लोन नहीं है, वे नए स्लैब को चुनना पसंद करेंगे। क्योंकि नई पीढ़ी निवेश के झंझट में नहीं पड़ना चाहती है। बिना 80-C के लाभ वाले टैक्स स्लैब की घोषणा के बाद इस बात की भी आशंका जताई गई कि इससे निवेश हतोत्साहित होगा क्योंकि टैक्स बचाने के लिए लोग सालाना कुछ बचत कर लेते थे।