सूबे की महिलाएं अब दिखा रही उद्यमिता के क्षेत्र में भी अपनी ‘शक्ति’, और बना रही अपनी अलग पहचान
सूबे की महिलाएं अब उद्यमिता के क्षेत्र में भी अपनी ‘शक्ति’ दिखा रही हैं। बीते पांच वर्षो में प्रदेश में 189 महिलाओं ने अपने उद्योग स्थापित कर उद्यमी बनने की ओर कदम बढ़ाए हैं। इन महिलाओं की कर्मठता से 1022 अन्य लोगों को भी रोजगार मिला। विशेष प्रोत्साहन योजना से यह सब संभव हुआ है। लक्ष्य के सापेक्ष महिला उद्यमियों की यह संख्या छोटी भले हो, मगर उत्साह बढ़ाने वाली है।
सरकारी नौकरी व अन्य बेहतर प्रोफेशन छोड़कर राज्य की ऊर्जावान महिलाएं अब औद्योगिक क्षेत्र में अपना कॅरियर संवार रही हैं। 2015 से जनवरी 2020 तक प्रदेश में 189 महिलाओं ने अपने उद्योग स्थापित किए। इन उद्योगों में 32.34 करोड़ से अधिक निवेश किया गया है। इन महिला उद्यमियों को राज्य के सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम संस्थान (एमएसएमई) से 9.16 करोड़ सब्सिडी भी दे चुका है। उद्योग निदेशक सुधीर नौटियाल ने कहा कि उद्यमिता विकास को सरकार पांच योजनाओं पर कार्य कर रही है। तीन साल में दो हजार महिलाओं का उद्यमिता से जोड़ा जाएगा।
महिला उद्यमी की परिभाषा
महिला उद्यमी से आशय ऐसी महिला से है, जिसने स्वयं के स्वामित्व में उद्यम स्थापित किया हो। साथ ही स्थापित उद्योग के निवेश में उनकी हिस्सेदारी कम से कम 51 फीसद हो।
यह है योजना का उद्देश्य
राज्य में महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना 15 अगस्त 2015 को शुरू की गई थी। इसके तहत पूंजीगत और ब्याज उपादान के माध्यम से महिलाओं के उद्यम में निवेश किया जाता है। विशेष प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं में उद्यमिता और कौशल विकास का सृजन करना है। इसके लिए बैंकों से ऋण दिया जाता है। जिससे महिलाएं अपना उद्यम स्थापित कर आत्मनिर्भर बनें और समाज में रोजगार प्रदाता बनकर उभरें।
उद्यमों में महिलाओं की स्थिति
- उत्तराखंड में महिला उद्यमी: 189
- कुटीर व लघु, मध्यम उद्यमिता में निवेश: 32 करोड़, 34 लाख, 20 हजार
- सरकार से मिला अनुदान: नौ करोड़, 16 लाख, 33 हजार रुपये
- पूंजीगत उपादान योजना की लाभार्थी: 84
- ब्याज उपादान योजना की लाभार्थी: 105
- पूंजीगत उपादान योजना में निवेश: 17 करोड़, दो लाख, एक हजार रुपये
- ब्याज उपादान योजना में निवेश: 15 करोड़, 32 लाख, 19 हजार रुपये
देहरादून की सिद्दीकी सिस्टर्स बनी रोल मॉडल
दून निवासी साइना सिद्दीकी व अनिला सिद्दीकी ने अपनी हुनर के दम पर न केवल स्वयं स्वरोजगार शुरू किया। बल्कि वह अपने आसपास की 23 घरेलू महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं। वर्ष 2015 में दोनों बहनों से उद्योग विभाग से प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत ऋण लिया और घर पर ही विभिन्न आकर्षक डिजाइन के महिलाओं के वस्त्र बनाने शुरू कर दिए। लगातार बेहतर परिश्रम से आगे बढ़ते हुए दोनों बहनों से वर्ष 2018 में हस्तशिल्प के वस्त्रों को भी रखना आरंभ किया। अब सिद्दीकी सिस्टर्स के नाम से आइटी पार्क स्थित दून हाट में भव्य मॉडल डिजाइन गारमेंट्स का कलेक्शन है। दोनों बहनों का लक्ष्य है कि अगले दो साल में दो सौ महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का है।